85 साल के लालजी ने जिला अस्पताल के लिए दान कर दी अपनी दो एकड़ जमीन, जानिए कौन हैं ये शख्स | 85-year-old Lalji donated his two acres of land for the district hospital, know who this person is

85 साल के लालजी ने जिला अस्पताल के लिए दान कर दी अपनी दो एकड़ जमीन, जानिए कौन हैं ये शख्स

85 साल के लालजी ने जिला अस्पताल के लिए दान कर दी अपनी दो एकड़ जमीन, जानिए कौन हैं ये शख्स

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:58 PM IST
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Published Date: February 12, 2021 2:26 pm IST

सतना: जिले के खुटहा गांव के 85 वर्षीय लालजी पिता स्वामीदीन ब्राम्हण ने अपने गांव में अस्पताल खोलने के लिये खुद के नाम दो एकड़ जमीन कलेक्टर न्यायालय में उपस्थित होकर शासन के पक्ष में दान कर दी है। कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अजय कटेसरिया ने भू-स्वामी का पक्ष विधिवत सुनते हुये भू-स्वामी की इच्छानुसार म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 173 के अधीन भू-स्वामी लालजी पिता स्वामीदीन तहसील बिरसिंहपुर के निजी खाते एवं स्वामित्व की भू- आराजी क्रमांक 21 रकवा 0.7940 हेक्टेयर जमीन निजी स्वामित्व से विलोपित कर म.प्र. शासन (शासकीय औषधालय चंदई) के नाम राजस्व अभिलेख में अंकित किये जाने के आदेश पारित कर दिये हैं।

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आम तौर पर जिला मुख्यालय में मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई में अधिकांश लोग समस्याओं के निराकरण एवं मांग के लिए आते हैं। किन्तु आज से डेढ़ साल पूर्व जनसुनवाई में आये बिरसिंहपुर तहसील अंतर्गत खुटहा गांव से आए 85 वर्षीय लालजी त्रिपाठी ने किसी समस्या का जिक्र नहीं किया बल्कि गांव में अस्पताल खोलने के लिए स्वंय की दो एकड़ जमीन प्रशासन को दान में देने का सहमति पत्र देकर अपनी भूमि अस्पताल को देने की इच्छा जताई थी।

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लालजी त्रिपाठी वर्ष 1994 में कलेक्ट्रेट सतना से निर्वाचन पर्यवेक्षक के पद से सेवा निवृत्त हुए थे। त्रिपाठी की इच्छा है कि चंदई गांव में स्कूल के पास उनकी दो एकड़ जमीन पर शासकीय अस्पताल खोला जाए। ताकि खुटहा तथा चंदई सहित आस पास के ग्रामीणों को इलाज की समुचित व्यवस्था मिल सके। त्रिपाठी ने बताया कि मेरे दो पुत्रों में से एक पुत्र पशु चिकित्सालय में उपसंचालक के पद पर कार्यरत है तथा दूसरा छोटा पुत्र गांव में ही खेती-किसानी का काम करता है। उनका कहना है कि हमारे पिताजी ने भी जनहित में जमीन का दान किया था। वे कहते हैं कि हमारे पूर्वजों ने जनहित के काम किए हैं, उन्ही की प्रेरणा से हम भी जनहित के लिए ग्रामीणों को स्वास्थ्य लाभ दिलाने के उद्देश्य से दो एकड़ जमीन दान में दे रहे हैं। इस पुनीत कार्य में हमारे दोनों पुत्रों की भी इच्छा शामिल है। लालजी त्रिपाठी द्वारा बिना किसी लोभ-लालच के किया गया यह कार्य आज के समय में अनुकरणीय पहल है।

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अपने पौत्र सत्यम त्रिपाठी और गांव के ही वकील को साथ लेकर अपनी दो एकड़ भूमि को शासन के पक्ष में इन्द्राज कराकर कलेक्टर न्यायालय से बाहर निकले लालजी त्रिपाठी ने प्रफुल्लित मन से बताया कि उनके पिता और पूर्वजों ने भी जनहित के कई काम किये थे। उनकी भी इच्छा रही है कि वे भी अपने समाज को कुछ देकर जायें। लालजी के पौत्र सत्यम त्रिपाठी ने भी अपने पितामह की इच्छा और परंपरा का सम्मान करते हुये खुशी जाहिर की। जिला प्रशासन ने भी लालजी त्रिपाठी के इस परोपकारी संकल्प और इच्छाशक्ति का सम्मान कर अनुकरणीय प्रयास की सराहना की है।

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