नई दिल्ली: नए वित्तीय वर्ष के शुरूआत के साथ ही कर्मचारियों की सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव हो सकता है। दरअसल रम मंत्रालय की तरफ से सैलरी की परिभाषा में बदलाव की बात आई है। बताया जा रहा है कि सरकार की ओर से किए जा रहे बदलाव में कहा गया है कि कर्मचारियों की मासिक सैलरी सीटीसी का 50 प्रतिशत होना चाहिए। भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने चार लेबर कोड्स के तहत नियमों को अंतिम रूप दे दिया है। इन चार लेबर कोड्स को पहले ही राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त करने के बाद अधिसूचित किया जा चुका है। आशंका जताई जा रही है कि यह नया नियम 1 अप्रैल से लागू किया जा सकता है।
बता दें कि संसद में वेज कोड को 2019 में पारित किया था, जबकि अन्य तीन कोड्स को दोनों सदनों से 2020 में मंजूरी मिली। ये चारों नियम अब अधिसूचित किए जा सकते हैं। राज्यों ने इन चारों कोड्स के नियमों को मजबूत करने के लिये काम करना शुरू कर दिया है।
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कर्मचारियों के नौकरी से रिटायर होने के लाभ को बढ़ाने के लिए सरकार ने पिछले साल संसद में कोड ऑन वेज बिल, 2019 को पास कराया था। इसमें न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, मजदूरी भुगतान अधिनियम, बोनस भुगतान अधिनियम और समान पारिश्रमिक अधिनियम जैसे श्रम कानून शामिल किए गए हैं।