नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार ने भाजपा शासित राज्यों के कर्मचारियों को खुशियों की सौगात दी है। हाल ही में मोदी सरकार ने भाजपा शासित राज्यों के कर्मचारियों के लिए 1500 करोड़ रुपए का फंड रिलीज किया है, ताकि प्रदेश सरकार अपने कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार सैलरी का भुगतान कर सकें। खुद त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने भी इस बारे में पिछले हफ्ते पुष्टि की थी कि केंद्र ने रकम आबंटित की है।
त्रिपुरा राज्य कर्मचारी संघ के एक कार्यक्रम के दौरान सीएम ने कहा कि सेवानिवृत्ति से पहले ही जिन कर्मचारियों की मृत्यु हो गई, उनके परिवार वालों को मृत कर्मचारियों की पूरी तनख्वाह (मौत के बाद से लेकर 60 साल की सेवा के समय काल तक) दी जाएगी।
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इस दौरान उन्होंने होमगाड्स जवानों के वेतनमान को लेकर कहा कि होमगार्ड लंबे समय से 6000 रुपए प्रति माह की सैलरी पर काम कर रहे हैं, लेकिन भाजपा की सरकार ने होमगार्ड्स के जवानों को 18 हजार रुपए प्रतिमाह भगुतान करने का फैसला लिया है। साथ ही ग्रेच्युटी की रकम भी चार लाख से बढ़ाकर 10 लाख कर दी गई है।
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हालांकि, उन्होंने इसके अलावा इन कर्मचारियों को चेताते हुए कहा कि राज्य सरकार के कर्मचारी हमारी सरकार में अधिक पे-स्केल पा रहे हैं, पर अगर वे झूठे, गलत, अयोग्य और बेपरवाह पाए गए, तब उन्हें जबरन रिटायरमेंट पर भेज दिया जाएगा। वैसे, उन कर्मचारियों को वे वित्तीय सुविधाएं और लाभ मिलते रहेंगे, जिसके लिए वे योग्य होंगे। हर तीन महीने में सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के काम की समीक्षा की जाएगी। इनमें चीफ सेक्रेट्री से लेकर चपरासी तक शामिल होगा। समीक्षा के आधार पर सरकार आगे उसी दिशा में कदम उठाएगी।
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