नई दिल्ली। सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। मोदी सरकार ने पेंशन लाभ पर सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है जिसके बाद सभी केंद्र सरकार के कर्मचारी जिनकी सेवानिवृत्ति की तारीख 1 जनवरी 2016 से पहले थी, अपने वेतन मैट्रिक्स में बदलाव देखेंगे। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत सरकारी कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें दिए जाने वाले न्यूनतम वेतन में वृद्धि की जाए।
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बता दें 2006 से पूर्व के पेंशनभोगी का सामान्य संशोधित समेकित पेंशन पूर्व-संशोधित मूल पेंशन का 2.26 है। दूसरी ओर, केंद्रीय सरकारी कर्मचारी अभी भी न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि नरेंद्र मोदी सरकार कर्मचारियों की मांग से अच्छी तरह वाकिफ है, लेकिन इस संबंध में ठोस निर्णय लेना अभी बाकी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से सरकारी कर्मचारियों को बहुत उम्मीदें थीं जब उन्होंने बजट पेश किया था क्योंकि यह उम्मीद थी कि वह कर्मचारियों की मांग को ध्यान में रखते हुए न्यूनतम वेतन में वृद्धि कर सकती हैं।
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हालांकि, केंद्र कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (डीए) और बाद में न्यूनतम वेतन भी बढ़ाया जा सकता है। लेकिन मोदी सरकार को अभी इस संबंध में कोई घोषणा नहीं करनी है। केंद्र सरकार के कर्मचारी अपने वर्तमान मूल वेतन में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं। वे वर्तमान में न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये प्राप्त कर रहे हैं, लेकिन 8000 रुपये की वृद्धि की मांग कर रहे हैं।
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