नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का पहला बजट बीते शनिवार को पेश किया। दूसरे कार्यकाल का पहला बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया। वहीं, दूसरी ओर सूत्रों के हवाले खबर मिल रही है कि मोदी सरकार ने एक ऐसे प्रस्ताव पर मुहर लगाई है जिसके तहत अब केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के अधिकारियों को संगठित कैडर का दर्जा दिया जाएगा। इस प्रस्ताव पर मुहर लगने के साथ ही उम्मीद की जा रही है कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के अधिकारियों के वेतन में बढ़ोतरी होगी।
बताया जा रहा है कि मोदी सरकार ने सीएपीएफ समूह ए के कार्यकारी कैडर अधिकारियों को संगठित समूह ए सेवा के प्रस्ताव पर मुहर लगाई है। इस प्रस्ताव के पास होने से अब गैर-कार्यात्मक वित्तीय उन्नयन (एनएफएफयू) और गैर-कार्यात्मक चयन ग्रेड (एनएफएसजी) के विस्तार का लाभ भी मिलेगा। बता दें सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों सीएपीएफ अधिकारियों के वेतन में बढ़ोतरी का निर्देश दिया था। इसके बाद ही मोदी सरकार ने यह फैसला लिया है।
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गौरतलब है कि एनएफएफयू अधिकारियों और कर्मचारियों को बिना प्रमोशन के ही बढ़ा हुए वेतन लेने का अधिकार देता है। अगर रिपोर्टों पर विश्वास किया जाए, तो सेंट्रे के फैसले के कारण, वे अधिकारी जो सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी से 2006 के बाद सेवानिवृत्त हुए हैं, जो सीएपीएफ या अर्धसैनिक बलों के तहत आते हैं। ऐसे अधिकारियों को इस योजना का लाभी मिलेगा। जैसा कि वे अधिकारी केंद्र की स्टाफिंग स्कीम के तहत आएंगे, यह भी कहा जाता है कि इन अधिकारियों की नियुक्तियों की बेहतर संभावना होगी और उन्हें परिवहन, मकान किराया, यात्रा और महंगाई भत्ता भी मिलेगा। इसके अलावा नरेंद्र मोदी सरकार अपने पिछले कार्यकाल में अर्धसैनिकों की पेंशन में भी बदलाव कर चुकी है।