नई दिल्ली: मोदी सरकार की बजट ने सरकारी कर्मचारियों का खासा नाराज किया है। दरअसल कर्मचारियों को मोदी सरकार से आस थी कि वे अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग के तहत न्यूनतम वेतनमान का ऐलान कर सकती है। लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐसा कुछ भी ऐलान नहीं किया।
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दसरअल शुक्रवार 5 जुलाई को पेश होने वाले बजट को लेकर उम्मीद जताई जा रही थी कि मोदी सरकार इस बार सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को तोहफा दे सकती है। सातवें वेतन आयोग ने मूल न्यूनतम वेतन में 18,000 रुपये की बढ़ोतरी की सिफारिश की थी। केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों की मांग थी कि फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाया जाए और मूल न्यूनतम वेतन 26,000 रुपये तय किया जाए।
वहीं, सरकार के अधिकारिक सूत्रों की बात मानें तो उनका कहना है कि सरकार ने कर्मचारियों के वेतन और भत्ते को लेकर बंद कमरे में बैठक हुई थी, लेकिन इस बैठक पर सरकार ने अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया है। वहीं, दूसरी ओर कई राज्यों ने अपने अधिनस्त कर्मचारियों को वेतन वृद्धि की सौगात दे चुके हैं।
इन राज्यों ने भी सरकारी कर्मचारियों के लिए लिया बड़ा फैसला
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