नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण के चलते सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के डीए को फ्रीज कर दिया है। यानि कर्मचारियों को इस तरह से उन्हें डीए में तीन बढ़ोतरी का लाभ नहीं मिला। इस दौरान कर्मचारियों का डीए 17 से बढ़कर 28 प्रतिशत तक जा पहुंचा है। हालांकि सरकार ने ये कहा है कि जुलाई महीने से सरकारी कर्मचारियों को बढ़े हुए डीए का भुगतान किया जाएगा। लेकिन वित्त मंत्रालय के अफसरों और कर्मचारी नेताओं की आठ मई को प्रस्तावित बैठक नहीं होने के चलते कर्मचारियों के माथे पर चिंता की लकीर खिंच दी है। अब कर्मचारियों को ये चिंता सताने लगी है कि जुलाई से भी बढ़े हुए डीए का भुगतान नहीं किया जाएगा। ऐसे में डीए आगे भी फ्रीज किया जा सकता है।
केंद्रीय और राज्य कर्मचारियों का एक जनवरी 2020 से ही डीए फ्रीज है। इस तरह से उन्हें डीए में तीन बढ़ोतरी का लाभ नहीं मिला। इस दौरान 17 से बढक़र 28 फीसदी डीए हो गया है। जुलाई में भी चार या पांच प्रतिशत बढ़ोतरी की बात कही जा रही है। ऐसे में जुलाई से 32 या 33 डीए संभावित है।
वित्त मंत्रालय के अफसरों और कर्मचारी नेताओं के बीच होने वाली बैठक के स्थगित होने के बाद अब कंफेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमंट इंप्लाइज एंड वर्कर्स के अध्यक्ष सुभाष पांडेय ने कहा है कि इससे कर्मचारियों में निराशा है। अगर इस साल भी डीए फ्रीज कर दिया गया तो कर्मचारी सरकार के खिलाफ आंदोलन करने के लिए बाध्य हो जाएंगे।
उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ के मंडल अध्यक्ष अश्वनी कुमार श्रीवास्तव ने भी आगे भी डीए फ्रीज किए जाने की आशंका जताई। उनका कहना है कि बढ़ा डीए दिए जाने की घोषणा नहीं की गई तो विरोध की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
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