नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अफगानिस्तान में पाकिस्तान के करीब छह से साढ़े छह हजार आतंकी सक्रिय हैं। इनमें से ज्यादातर का संबंध तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान से है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इतनी बड़ी तादाद में आतंकियों की मौजूदगी दोनों देशों के लिए खतरा है।
TTP has claimed responsibility for various high-profile attacks in Pakistan & facilitated others by Jamaat-ul-Ahrar & Lahskhar-e-Islam. Many former TTP members have joined ISIL-K & Member States expect that the group & its splinter groups will align with ISIL-K: UNSC Report https://t.co/Uji5BLcmUt
— ANI (@ANI) July 25, 2020
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आईएसआईएस, अल-कायदा एवं अन्य संस्थाओं से जुड़ी प्रतिबंध निगरानी टीम की 26वीं रिपोर्ट में कहा गया कि अल-कायदा तालिबान के साथ अफगानिस्तान के निमरूज, हेलमंद और कंधार प्रांतों से काम करता है।
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दावा है कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान में बांग्लादेश, भारत, म्यामां और पाक के 150 से 200 के बीच आतंकी शामिल हैं। एक्यूआईएस का मौजूदा सरगना ओसामा महमूद है। इसने आसिम उमर के मारे जाने के बाद उसकी जगह ली है। एक्यूआईएस अपने पूर्व सरगना की मौत का बदला लेने के लिए क्षेत्र में जवाबी कार्रवाई की योजनाए बना रहा है। बता दें कि अफगानिस्तान में मौजूद तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने हाल ही में पाकिस्तान में कई हाई प्रोफाइल हमलों की जिम्मेदारी भी ली है।
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रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अफगानिस्तान में कई अन्य आतंकी संगठन सक्रिय हैं जिनमें से ज्यादातर तालिबान के तहत काम करते हैं लेकिन कुछ आईएसआईएल-के के साथ भी हैं। अल-कायदा अफगानिस्तान के 12 प्रांतों में सक्रिय है। इसका सरगना ऐमन अल-जवाहिरी भी अफगानिस्तान में ही है।
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जानकारी में ये बताया गया है कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने जमात-उल-अहरार और लश्कर-ए-इस्लाम द्वारा किए गए अन्य हमलों में भी मदद की है। यही नहीं तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के कई पूर्व आतंकी इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड द लैवेंट खुरासान (आईएसआईएल-के) में भी शामिल हुए हैं।