बिलासपुर, छत्तीसगढ़। हाईकोर्ट अब छत्तीसगढ़ में 82 और 58 फीसदी आरक्षण मामले की एक साथ सुनवाई करेगा। 6 जनवरी को दोनों में मामले में सुनवाई की तारीख तय कर दी गई है।
पढ़ें- कोल ब्लॉक प्रभावित पांच गावों के लोगों को बड़ी राहत, जमीन का 4 गुना मिलेगा मुआवजा.. देखिए
छत्तीसगढ़ सरकार कुल 82 फीसदी आरक्षण की थी जिसे कोर्ट ने रोक लगा दी थी। इसमें ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण था जिसे भी कोर्ट ने रोक लगा रखी है। अब इन मामलों में कोर्ट 6 जनवारी को सुनवाई करेगी। चीफ जस्टिस डिवीजन बेंच ने ये फैसला लिया है।
पढ़ें- कोल ब्लॉक प्रभावित पांच गावों के लोगों को बड़ी राहत, जमीन का 4 गुना मिलेगा मुआवजा.. देखिए
बता दें कोर्ट ने मौजूदा सरकार द्वारा बढ़ाए गए आरक्षण के साथ 2012 में रमन सरकार द्वारा बढ़ाए गए आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करने का फैसला लिया है। न्यायालय ने मौजूदा सरकार द्वारा ओबीसी के लिए बढ़ाए गए आरक्षण पर पहले से ही रोक लगा रखी है।
पढ़ें- ‘राम वनगमन पथ’ से जुड़े 8 स्थलों का होगा कायाकल्प, वनवास के 10 साल …
भूपेश सरकार ने पिछले दिनों राज्य मेंं एससी, एसटी व ओबीसी कोटे का आरक्षण बढ़ा दिया था जिससे राज्य में 82 फ़ीसदी आरक्षण हो गया था। जिसे उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी। बाद में अन्य पिछड़े वर्गों के लिए बढ़ाए गए आरक्षण पर कोर्ट ने रोक लगा दी थी। इसके साथ ही उच्च न्यायालय में 2012 में रमन सरकार द्वारा अनुसूचित जनजाति के आरक्षण को 20 से बढ़ाकर 32 फ़ीसदी कर दिया गया था। वहीं अनुसूचित जाति का कोटा 16 से घटाकर 12 फ़ीसदी कर दिया गया था।
पढ़ें- Watch Video: स्कूल वैन में लगी भीषण आग, मची अफरातफरी
लेकिन अन्य पिछड़े वर्ग के 14 फ़ीसदी आरक्षण के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई थी। इसके बाद 2012 में राज्य में कुल आरक्षण 58 फ़ीसदी हो गया था जिसे कोर्ट में चुनौती दी गई थी। मामले की अगली सुनवाई 6 जनवरी को होगी। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रामचंद्र मैमन व पी.पी साहू की युगल पीठ द्वारा की गई।
पढ़ें बेरहम मां, पति से विवाद होने पर गोद में सो रहे ढाई साल के मासूम को …
बीजेपी जिलाध्यक्ष चुनाव में खेमेबाजी और गुटाबाजी