नई दिल्ली। लगभग 15वीं-16वीं शताब्दी के दौरान बनाया गया एक मंदिर जो कि लगभग 500 साल पहले एक नदी में आयी भयंकर बाढ़ में डूब गया था अब वह फिर से नजर आने लगा है। जिसके बाद यहां इस मंदिर को देखने के लिए लोगों की भीड़ जुटने लगी है। जिसके बाद इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज की टीम ने आसपास के तमाम इलाके को आम नागरिकों के आने जाने के लिए प्रतिबंधित कर दिया है।
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ओडिशा के नयागढ़ जिले में महानदी नाम की नदी में डूबा हुआ एक प्राचीन मंदिर फिर से दिखने लगा है। इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज’की पुरातत्व सर्वेक्षण टीम ने इस मंदिर को खोजा है। बताया जा रहा है कि ये प्राचीन विष्णु मंदिर (Vishnu mandir) करीब 500 साल पहले एक भयंकर बाढ़ में 7 गांव के साथ डूब था लेकिन अब ये एक बार फिर से दिखाई देने लगा है। फिलहाल मंदिर का शिखर ही ऊपर से नजर आ रहा है।
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यह मंदिर करीब 60 फीट ऊंचा है। नदी के ऊपर दिख रहे मंदिर के मस्तक, उसके निर्माण कार्य और वास्तुशिल्प को देखकर लगता है कि यह 15वीं या 16वीं सदी का है। ये मंदिर सतपताना इलाके में मिला है। यहां कभी सात गांव हुआ करते थे। सातों गांव भगवान गोपीनाथ की पूजा करते थे। उसी समय यह मंदिर बनाया गया था।
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वहीं गांव के लोगों के मुताबिक पद्मावती गांव के आसपास 22 मंदिर थे, जो इस नदीं में डूबे हुए हैं। गांव के लोग बताते हैं कि इस मंदिर का मस्तक 25 साल पहले दिखाई दिया था। लेकिन कुछ ही घंटों बाद मंदिर पूरा पानी में चला गया था। लेकिन इतने सालों के बाद एक बार फिर भगवान गोपीनाथ देव के मंदिर का मस्तक बाहर की तरफ दिखाई दिया है।
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