बाड़मेर: राजस्थान के बाड़मेर जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है, खबर है कि 50 मुस्लिम परिवारों के करीब 250 सदस्यों ने इस्लाम छोड़कर हिंदुत्व अपना लिया है। हिंदुत्व अपनाने के बाद इन परिवार के सदस्यों का कहना है कि सदियों पहले उनके परिजनों को दबाव पूर्वक इस्लाम कबूल करवाया गया था, अब सच्चाई पता चलने घर वापसी की है। वहीं, उनका यह भी कहना है कि हिंदू घर्म अपनाने के लिए उनके ऊपर किसी प्रकार का कोई दबाव नहीं बनाया गया है।
इन परिवारों ने अयोध्या में राम मंदिर के भूमिपूजन के बाद यह फैसला लिया है। बताया जा रहा है कि हिंदुत्व अपनाने वाले परिवारों के घरों में सदियों से हिंदू रीति रिवाज से पूजा पाठ किया जा रहा है और इनके घरों में हिंदू देवी देवताओं की मूर्ति और मंदिर भी है। उन्होंने बताया कि औरंगजेब के समय उनके पूर्वज हिंदू थे और दवाब के चलते पूर्वजों ने मुस्लिम धर्म को अपना लिया था, लेकिन अब परिवार के शिक्षित युवकों को इसकी जानकारी हुई। तो पूरे परिवार ने सहमति से बिना किसी दवाब में आकर हिंदू धर्म अपना लिया।
इस्लाम छोड़कर हिंदुत्व अपनाने वाले सुभनराम का कहना है कि मुस्लिम समाज के लोग उनसे दूरी बनाकर रखते थे। इसके बाद हमने अपने और अपने परिवार के इतिहास पर गौर किया और स्थानीय लोगों से पूछताछ की। इसके बाद हमें पता चला कि हमारे पूर्वजों को दबाव डालकर इस्लाम अपनाने पर मजबूर किया गया था। जानकारी होने के बाद हम लोगों ने फैसला लिया कि हमें वापस हिंदू धर्म में जाना चाहिए। हमारे रीति रिवाज हिंदू धर्म से संबंधित है। इसी के बाद पूरे परिवार ने हिंदू धर्म में वापसी की इच्छा जताई। घर पर हवन यज्ञ करवाकर जनेऊ पहनकर परिवार के सभी 250 सदस्यों ने हिंदू धर्म में वापसी कर ली है।
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विंजाराम ने बताया कि राम मंदिर के शिलान्यास के समारोह पर हम सभी ने हवन पूजा पाठ का कार्यक्रम रखा। हिंदू संस्कृति का पालन करते हुए हमने अपनी स्वेच्छा से घर वापसी की है। हमारे ऊपर कोई दबाव नहीं है।
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