रीवा। नगर निगम आयुक्त सभाजीत यादव ने नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर आईएचएसडीपी योजना के तहत आवंटित किए गए भवनों के निकाय की राशि को पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला से वसूलने की बात कही है। इस पत्र में निगमायुक्त ने विधायक राजेंद्र शुक्ला से करीब चार करोड़ 95 लाख रुपए का मांग पत्र जारी किया गया है। आज शाम नगर निगम आयुक्त ने एक पत्र जारी किया। जिसके बाद रीवा के राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया।
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दरअसल नगर निगम आयुक्त ने प्रमुख सचिव को पत्र लिखते हुए पूर्व मंत्री वर्तमान रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ला से लगभग 5 करोड रुपए वसूलने का मांग पत्र जारी किया गया है। जब इस पूरे मामले को लेकर नगर निगम आयुक्त से बात की गई तो उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार में मंत्री रहे राजेंद्र शुक्ला ने चूना भट्ठा और रानी तालाब विस्थापितों से चुनाव के वक्त अपने मांग पत्र में लिखित रूप से यह वादा किया था उन्हें मुफ्त में जमीन के बदले में मकान दिया जाएगा।
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इसके बाद 2015 में बने मकानों पर तत्कालीन कार्यपालन यंत्री शैलेंद्र शुक्ला के द्वारा हम ऑफिस में हितग्राहियों को मकान आवंटित कर दिए गए। जबकि उनसे निकाय की राशि वसूली की जानी थी। हितग्राहियों के द्वारा मकान आवंटित की राशि नहीं दिए जाने पर नगर निगम प्रशासन के द्वारा वर्तमान में रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ला से यह राशि वसूलने का आदेश जारी किया है। आपको बता देगी राजेंद्र शुक्ला के ऊपर यह आरोप है कि उन्होंने इस झूठे वादे से जनता के वोटों को अपने पक्ष में किया है।