PM किसान सम्मान निधि के तहत 32.91 लाख अयोग्य किसानों को मिला पैसा, सरकार ने शुरू की जांच और वसूली | 32.91 lakh unqualified farmers received money under PM Kisan Samman Nidhi, government started investigation, recovery

PM किसान सम्मान निधि के तहत 32.91 लाख अयोग्य किसानों को मिला पैसा, सरकार ने शुरू की जांच और वसूली

PM किसान सम्मान निधि के तहत 32.91 लाख अयोग्य किसानों को मिला पैसा, सरकार ने शुरू की जांच और वसूली

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:09 PM IST
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Published Date: February 8, 2021 1:13 pm IST

PM Kisan Samman Nidhi: कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत अब तक 32.91 लाख अयोग्य लाभार्थियों के बैंक अकाउंट में 2,326 करोड़ रुपये भेजे जा चुके हैं। इनमें कुछ टैक्स जमा करने वाले लोग भी हैं, राज्य सरकारें इसकी जांच कर ही हैं, जांच में अयोग्य पाए जाने वाले लाभार्थियों से पैसे की वसूली की जाएगी।

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गौरतलब है कि मोदी सरकार पीएम-किसान ​सम्मान निधि स्कीम के तहत छोटे और सीमांत किसानों को हर साल 6,000 रुपये देती है। यह राशि 3 किस्त में ​सीधे किसानों के बैंक अकाउंट में भेजी जाती है किसानों को मिली इस मदद से उन्हें खेती करने में काफी आसानी होती है, केंद्रीय कृषि मंत्री ने बताया कि इस स्कीम में कई तरह के वेरिफिकेशन प्रॉसेस को अपनाया गया है ताकि कम से कम गलतियां हो सकें और योग्य लाभार्थी को ही इस स्कीम का लाभ मिल सके।

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राज्यसभा में ए​क लिखित जवाब में कृषि मंत्री ने कहा कि वेरिफिकेशन प्रक्रिया के तहत यह पाया गया कि 2,326.88 करोड़ रुपये 32,91,152 अयोग्य लाभार्थियों के खाते में भेजा जा चुका है, इसमें कुछ टैक्स जमा करने वाले व्यक्ति भी हैं।’ उन्होंने यह भी बताया कि कुछ मामलों में ब्लॉक/जिला अधिकारियों ने गलत तरीके से अयोग्य किसानों को इस स्कीम का फायदा दिया है।

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PM Kisan Samman Nidhi के तहत कनार्टक में 2,03,819 गलत रजिस्ट्रेशन हुए हैं और इनके खिलाफ FIR दर्ज कर लिया गया है। तमिलनाडु में ऐसे करीब 6 लाख मामले आए हैं और इनमें से 158.57 करोड़ रुपये वापस वसूले भी जा चुके हैं। तमिलनाडु में अब तक 16 एफआईआर दर्ज हुआ है और 100 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। गुजरात में 7,000 किसानों को इस स्कीम के लिए अयोग्य करार दिया गया है।

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केंद्र सरकार ने जम्मू- कश्मीर, मेघालय, लद्दाख और असम को छोड़कर बाकी सभी राज्यों के पीएम-किसान पोर्टल को UIDAI के जरिए इंटीग्रेट किया गया है। इस पोर्टल को इनकम टैक्स डेटाबेस से भी जोड़ा गया है ताकि स्कीम का फायदा लेने वाले ऐसे लोगों का पता लगाया जा सके जो इनकम टैक्स जमा करते हैं।