रायपुरः छत्तीसगढ़ में 267 अधिकारी-कर्मचारी गलत जाति प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी कर रहे हैं। इसका खुलासा सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी लिस्ट में हुआ है। सामान्य प्रशासन सचिव ने विभागों को इन अधिकारियों और कर्मचारियों पर जल्द कार्रवाई कर जानकारी देने की बात कही है। इधर लिस्ट जारी होने के बाद बीजेपी और कांग्रेस आमने सामने हैं। पिछले दिनों सामान्य प्रशासन द्वारा जारी इस सूची ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में नई गर्मी ला दी है।
दरअसल जारी इस सूची में नामों के अलावा यह भी कहा गया है कि साल 2000 से 2020 तक 758 लोगों के खिलाफ शिकायत मिली थी, जिसमें से 659 मामलों की जांच हुई और 267 मामलों में गड़बड़ी पाई गई है। इसमें से बीते दो सालों में यानि कांग्रेस शासन में महज 75 मामले ही फर्जी पाए गए हैं, जिसके बाद से दोनों दल सामने आ गए हैं।
Read More: 10वीं-12वीं पास युवाओं के लिए निकली सरकारी नौकरी, यहां देखें पूरा डिटेल
भाजपा का कहना है कि सरकार केवल जांच वाली सरकार है, विकास और वादे नहीं पूरी कर पाती तो जांच करवाकर ध्यान बंटाने की कोशिश करती है। जबकि कांग्रेस के प्रमोद दुबे, पूर्व की भाजपा सरकार को कमीशन वाली सरकार बता रहे।
इधर कर्मचारी नेताओं का कहना है कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर नौकरी अधिकारियों के संरक्षण का नतीजा है। इसलिए अधिकारी इन लोगों पर कार्रवाई नहीं करते। तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष विजय झा कह रहे हैं कि ऐेसे अधिकारियें को नौकरी से बाहर करने के साथ 420 का भी मुकदमा दर्ज होना चाहिए, जिससे किसी अदिवासी, अनुसूचित जाति के लोगों का हक ना मारा जाए।
फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाने वालों में सबसे लंबी फेहरिस्त स्कूल शिक्षा विभाग की है। यहां विभाग ने ऐसे 42 लोगों की पहचान की है। सामान्य प्रशासन विभाग सचिव ने आईबीसी24 को बताया कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करने वाले अधिकारी कर्मचारियों की सूची पहले भी जारी होती रही है। इस बार कार्रवाई करने के लिए जानकारी मांगी है, इधर सरकार को इस बात की भी जांच करवानी चाहिए कि आखिर कैसे लोग फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पा रहे हैं। कहीं इसमें अधिकारियें की मिली भगत से सारा खेल तो नहीं चल रहा।
Follow us on your favorite platform: