पटना। बिहार के गंडक नदी में बने 264 करोड़ का पुल 29 दिन में ही ढह गया। इस पुल के टूटने को लेकर एक ओर जहां विपक्षी पार्टी तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर आम जनता भी नीतिश सरकार के मंत्री का बेतुका बयान सुनकर आक्रोश में हैं।
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इस हादसे को मंत्री नंद किशोर ने प्राकृतिक आपदा का नाम दे दिया है। कहा कि यह प्राकृतिक आपदा है, इसमें तो सड़कें बह जाती है, पुल टूट जाते हैं। बता दें कि 29 दिन पहले ही प्रदेश के पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने इस पुल का उद्घाटन किया था। यह पुल गोपालगंज जिले में बैकुंठपुर के फैजुल्लाहपुर में छपरा- सत्तरघाट मुख्य पथ को जोड़ता है।
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लेकिन उद्घाटन के 29 दिन बाद ही पुल को जोड़ने वाले रास्ते एक हिस्सा पानी के हवाले हो गया। देखते-देखते सुशासन सरकार के खजाने के 264 करोड़ रुपए इस पानी में बह गए। पुल को लेकर आरजेडी सरकार पर हमलावर है, लेकिन 8 साल में 264 करोड़ की मेहनत 29 दिन में पानी में मिलने के बावजूद सत्ता पक्ष के विकास का राग जारी है।
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इस हादसे पर मंत्री नंद किशोर यादव ने कहा कि सत्तर घाट का पुल बिल्कुल सुरक्षित है। बांध के अंदर एक पुल है, जिसका सिर्फ अप्रोच रोड बह गया है। यह प्राकृतिक आपदा है। इसमें तो सड़कें बह जाती है, पुल टूट जाते हैं। तेजस्वी यादव के आरोपों पर नंद किशोर यादव ने कहा कि मैं कभी साइकिल पर नहीं चला। स्कूटर से चलता था।
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