भोपाल: हाईकोर्ट के हड़ताल को अवैध करार दिए जाने के बाद से मध्यप्रदेश में जूनियर डॉक्टरों के इस्तीफे का दौर लगातार जारी है। आज हाईकोर्ट में सुनवाई होने के बाद शात तक प्रदेश के 6 मेडिकल कालेजों के 2500 जूनियर डॉक्टर अपना यामूहिक इस्तीफा सौंप चुके हैं। वहीं, विरोध में जूडा ने विरोध में मोबाइल की रोशनी में जूडा रैली निकाली और GMC कैम्पस में विरोध जताया।
इससे पहले जूडा एसोसिएशन ने हाईकोर्ट के फैसले के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया था। जूडा ने कहा था कि जेडीए ने कहा कि हमने अपनी मांगों को लेकर सरकार से कई बार बात करने की कोशिश की, हमें मई में आश्वासन दिया गया था कि हमारी कुछ मांगे मान ली जाएंगी। पर लिखित में आदेश नहीं निकाला गया। हमें बाद में बोला गया कि आपकी बातें नहीं मानी जाएगी, हड़ताल करना हम भी नहीं चाहते थे।
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जेडीए ने कहा कि हमने कोविड ड्यूटी की, जिस दौरान हम पॉजिटिव हुए, सरकार अब दमनकारी नीति अपना रही है, कई जूडा के घर नोटिस भेजा गया है, थर्ड ईयर के टेन्योर खत्म होने के बाद भी हमने कोविड ड्यूटी की। आज थर्ड ईयर के जूडा के इनरोलमेंट खत्म कर दिए, हम सरकार से मिलने की लगातार कोशिश कर रहे हैं, हमने सरकार के वादों को माना था, इसलिए हमने तय किया है कि ये हड़ताल जारी रहेगी।
बता दें कि HC ने जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल अवैध घोषित करते हुए कहा कि 24 घण्टे में काम पर लौटें, काम पर न लौटें जूडा तो राज्य सरकार सख्त कार्रवाई करे, सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस मोहम्मद रफ़ीक ने अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि कोरोनाकाल में हड़ताल ब्लैकमेलिंग की तरह है, डॉक्टर्स ने अपनी शपथ भुलाई लेकिन हम अपनी शपथ नहीं भूले हैं।
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