रायपुर: 18 प्लस के वैक्सीनेशन पर लगी रोक और आरक्षण के मुद्दे पर बिलासपुर हाईकोर्ट ने साफ-साफ कहा कि राज्य सरकार वैक्सीनेशन पर रोक नहीं लगा सकती और एक तिहाई के हिसाब से सभी वर्ग को समान रूप से टीका लगे। कोर्ट के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने फिर से वैक्सीनेशन अभियान शुरू करने का फैसला किया। हालांकि हाईकोर्ट के निर्देश के बाद विपक्ष ने सरकार की नीतियों पर फिर सवाल उठाया, जिसपर सत्ता पक्ष ने दलील दी कि अंत्योदय कार्ड धारकों को पहले वैक्सीनेशन कराने का निर्णय सद्भावना से लिया गया था। फिलहाल सरकार ने फिर से मिशन वैक्सीनेशन शुरू करने का फैसला लिया है। लेकिन सवाल है कि जब केंद्र सरकार राज्य को पर्याप्त मात्रा में टीका उपलब्ध ही नहीं करा रही है तो फिर राज्य सरकार अपना अभियान कैसे पूरा करेगी?
जी हां छत्तीसगढ़ में 18 प्लस के वैक्सीनेशन पर लगी रोक पर हाईकोर्ट ने साफ कर दिया है कि राज्य सरकार वैक्सीनेशन पर रोक नहीं लगा सकती। हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार कोई बहानेबाजी नहीं करे और वैक्सीनेशन अभियान में एक तिहाई अंत्योदय, एक तिहाई बीपीएल और एक तिहाई एपीएल कार्ड धारकों को शामिल करे।
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दरअसल छत्तीसगढ़ सरकार ने 30 अप्रैल को आदेश जारी कर एक मई से 18+ के लिए नि:शुल्क टीकाकरण अभियान की घोषणा की थी। इसमें सबसे पहले अंत्योदय राशन कार्डधारकों को प्राथमिकता देने की बात कही थी। वैक्सीनेशन में आरक्षण के खिलाफ अमित जोगी ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दर्ज की, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा था कि बीमारी अमीरी-गरीब देखकर नहीं आती। लिहाजा वैक्सीनेशन में आरक्षण नहीं हो सकता। हाईकोर्ट की आपत्ति के बाद राज्य सरकार ने 18 प्लस के वैक्सीनेशन को स्थगित कर दिया था। इसी फैसले पर हाईकोर्ट ने कहा कि मौजूदा स्थिति में वैक्सीनेशन को कैसे बंद किया जा सकता है, राज्य सरकार तुरंत इसे शुरू करे। हाईकोर्ट के आदेश पर विपक्ष ने जहां सरकार को घेरा, तो वहीं सत्ता पक्ष की अपनी दलील है। बहरहाल वैक्सीन को लेकर छ्त्तीसगढ़ में सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति के बीच अब धरना-प्रदर्शन की सियासत भी जारी है।
18 से 45 आयुवर्ग के वैक्सीनेशन स्थगित किए जाने पर भारतीय युवा मोर्चा ने शुक्रवार को ब्लैक डे मनाया। भाजयुमो कार्यकर्ताओँ ने अपनी मांगों से संबंधित तख्तियों को काले गुब्बारों के साथ आकाश में उड़ाया, तो वहीं अपने-अपने फेसबुक और वाट्सअप में काली डीपी लगा कर विरोध जताया। वहीं, दूसरी ओर NSUI कार्यकर्ता “मोदी टीका दो” अभियान के तहत बीजेपी नेताओं के घर पर पहुंचे। जाहिर है कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार पर छत्तीसगढ़ को वैक्सीन ही नहीं देने का आरोप लगाती रही है। कुल मिलाकर हाईकोर्ट के आदेश के बाद 18 से 45 साल की उम्र के लोगों को जरूर राहत मिली होगी। जो वैक्सीन लगवाने का इंतजार कर रहे हैं। वहीं, राहत भरी एक और खबर ये भी है कि राज्य सरकार ने 75 लाख वैक्सीन का पेमेंट किया है।
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