रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज यहां उनके निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ खनिज विकास निधि की सलाहकार समिति की 16वीं बैठक आयोजित हुई। बैठक में खनिज विकास कार्यों, खनिज अन्वेषण, खनिज ऑनलाइन परियोजना और रायपुर तथा बिलासपुर में रासायनिक लैब स्थापित करने की विभिन्न परियोजनाओं के लिए 110 करोड़ रूपए की स्वीकृति प्रदान की गई।
छत्तीसगढ़ खनिज विकास निधि सलाहकार समिति की बैठक में छत्तीसगढ़ मिनरल डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन की विभिन्न परियोजनाओं हेतु 62 करोड़ रूपए के ऋण की स्वीकृति दी गई, जिसमें मुख्यतः बाक्साईट खनिज परियोजनाओं के लिए 20 करोड़ रूपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। बैठक में कारेण्डम खनिज परियोजना हेतु एक करोड़ रूपए एवं आरीडोंगरी लौह अयस्क परियोजना, केरवा कोल परियोजना तथा बी.आर.पी.एल. में इक्विटी पार्टीसिपेशन कार्याें हेतु 41 करोड़ रूपए की स्वीकृति दी गई है।
इसी तरह संचालनालय भौमिकी एवं खनिकर्म से संबंधित विभिन्न विकास कार्याें के लिए 47 करोड़ 92 लाख रूपए की स्वीकृति दी गई है। इन कार्याें में खनिज अन्वेषण कार्याें को आऊट सोर्सिंग के माध्यम से पूर्ण कराने, सूचना प्रौद्योगिकी कार्याें, आगामी चरणों के ब्लाॅकों की नीलामी हेतु कंसल्टेंट और ट्रांजेक्शन एडवाइजर की सेवाएं लेने, मशीन एवं उपकरण, प्रयोगशाला उपकरण क्रय करने तथा सोनाखान भवन के नवीनीकरण कार्य शामिल है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ खनिज विकास निधि का गठन वर्ष 2003 में किया गया, जिसके अंतर्गत प्रतिवर्ष खनिजों से प्राप्त होने वाले राजस्व का 5 प्रतिशत खनिजों के विकास, पूर्वेक्षण, सर्वेक्षण तथा इससे संलग्न गतिविधियों पर खर्च करने का प्रावधान है, जिसके माध्यम से भविष्य में नए खनिज ब्लाॅक्स की खोज तथा खनिज आधारित कार्याें का उन्नयन किया जाता है।
बैठक में खनिज ऑनलाइन परियोजनाओं हेतु 23 करोड़ 27 लाख 70 हजार रूपए स्वीकृत किए गए हैं। खनिज ऑनलाइन 2.0 परियोजना के माध्यम से खनिज कार्यालयों के समस्त कार्यों का संपादन ऑनलाइन किया जाएगा, जिससे खनिजों के दोहन-निकास पर प्रभावी निगरानी और नियंत्रण किया जा सकेगा। रेत के उत्खन्न एवं परिवहन की नवीन नीति मेंं उल्लेखित रेत के साथ अन्य खनिजों के अवैध उत्खन्न तथा परिवहन की रोकथाम व प्रभावी कार्यवाही के लिए सभी जिले के लिए 28 तथा केन्द्रीय उड़नदस्ता संचालनालय हेतु 03 वाहन कुल 31 वाहन किराए पर लिए जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। जिसके द्वारा रेत व्यवसाय के सुचारू संचालन के साथ-साथ मुख्य खनिज एवं अन्य गौण खनिज के उत्खन्न एवं परिवहन पर लगातार नियंत्रण रखा जा सकेगा। खदानों को सेटेलाईट डाटा के माध्यम से माॅनिटरिंग हेतु माईनिंग सर्विलेंस सिस्टम के क्रियान्वयन हेतु राशि स्वीकृत की गई है।
नवीन खनिजों की खोज तथा आउटसोर्सिंग के माध्यम से सर्वे एवं ड्रिलिंग के लिए 10 करोड़ 97 लाख रूपए स्वीकृत किए गए हैं। रायपुर और बिलासपुर में एन.ए.बी.एल से मान्यता प्राप्त स्तर की रासायनिक लैब स्थापित करने के लिए एक करोड़ 38 लाख रूपए की स्वीकृति दी गई है। बैठक में अपर मुख्य सचिव वित्त अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी, सचिव खनिज साधन विभाग अन्बलगन पी., संचालक भौमिकी तथा खनिकर्म समीर विश्नोई और मुख्यमंत्री सचिवालय मेंं उप सचिव सौम्या चौरसिया उपस्थित थीं।