तृणमूल कांग्रेस के 23वें स्थापना दिवस पर 15 पार्षदों ने छोड़ा पार्टी का साथ, बोले- सौमेन्दु को हटाना ‘‘बदले की भावना’’ से उठाया गया कदम | 15 councillors leave party on 23rd raising day of Trinamool Congress

तृणमूल कांग्रेस के 23वें स्थापना दिवस पर 15 पार्षदों ने छोड़ा पार्टी का साथ, बोले- सौमेन्दु को हटाना ‘‘बदले की भावना’’ से उठाया गया कदम

तृणमूल कांग्रेस के 23वें स्थापना दिवस पर 15 पार्षदों ने छोड़ा पार्टी का साथ, बोले- सौमेन्दु को हटाना ‘‘बदले की भावना’’ से उठाया गया कदम

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:08 PM IST, Published Date : January 1, 2021/7:54 pm IST

कोंटाई/कोलकाता, एक जनवरी (भाषा) तृणमूल कांग्रेस के गठन को शुक्रवार को 23 साल पूरे हो गए। लेकिन पार्टी के स्थापना दिवस पर ही कोंटाई नगर निकाय में पार्टी के अधिकतर पार्षद उसका साथ छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। बीस सदस्यीय कोंटाई नगरपालिका में तृणमूल कांग्रेस के 15 पार्षद शुक्रवार को भाजपा में शामिल हो गए। इसमें कोंटाई नगरपालिका के पूर्व प्रशासक सौमेन्दु अधिकारी भी शामिल हैं जो सुवेंदु अधिकारी के भाई हैं। सुवेंदु अधिकारी ममता बनर्जी सरकार में वरिष्ठ मंत्री थे लेकिन वह पिछले महीने भाजपा में शामिल हो गए।

सौमेन्दु को हाल ही में ममता बनर्जी सरकार द्वारा नगर निकाय के प्रशासक पद से हटा दिया गया था। पिछले महीने तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से सौमेन्दु को हटाना ‘‘बदले की भावना’’ से उठाया गया कदम था। राज्य के पूर्व मंत्री ने यह भी कहा कि ममता बनर्जी सरकार नगर निगम चुनाव कराने में देरी कर रही है, क्योंकि वह अपनी ‘‘आसन्न हार’’ से भयभीत है।

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उन्होंने कहा, ‘‘लोग भाजपा के पक्ष में मतदान करेंगे, चाहे वह निकाय चुनाव हों या विधानसभा चुनाव।’’ इससे पहले दिन में, सौमेन्दु ने संवाददाताओं से कहा था कि ‘‘उनका परिवार कई तरह के हमले सहन कर रहा है। लेकिन हम मैदान में उचित जवाब देने में विश्वास करते हैं।’’ तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता फिरहाद हाकिम ने कहा, ‘सौमेन्दु (नगर निकाय के) प्रशासक रहते हुए किसी अन्य पार्टी में शामिल होने के बारे में नहीं सोच सकते थे। चूंकि उन्हें पद से हटा दिया गया है, तो वह अन्य पार्टी में शामिल हो गए हैं। इसने उनका (अधिकारी परिवार का) असल रंग दिखा दिया है कि वे पद के बिना नहीं जी सकते हैं।’

इस बीच पार्टी के सिंगूर से विधायक और वरिष्ठ नेता रबिंद्रनाथ भट्टाचार्य ने पुराने नेताओं को किनारे कर ‘भ्रष्ट और बेईमान’ तत्वों को पार्टी में शामिल करने का रास्ता बनाने के लिए तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व पर हमला किया। वह हूगली में पार्टी के स्थापना दिवस कार्यक्रम में भी शामिल नहीं हुए। तृणमूल कांग्रेस ने स्थापना दिवस पर कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की संस्कृति और मूल्यों की ‘‘सच्ची संरक्षक’’ हैं।

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तृणमूल कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सुब्रत बख्शी की अगुवाई में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने राज्य मुख्यालय में पार्टी का ध्वज फहराया और लोगों की सेवा में अथक परिश्रम के लिए कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया। तृणमूल ने ट्वीट किया, ‘‘ पिछले 23 सालों में तृणमूल कांग्रेस परिवार ने कई लड़ाइयां लड़ीं और अधिकाधिक लोगों ने ममता पर बंगाल की संस्कृति, गौरव और मूल्यों की सच्ची संरक्षक के रूप में अपना विश्वास प्रकट किया। चूंकि हम एक और साल में कदम रख रहे हैं तो हम बंगाल के लोगों की सुरक्षा और सेवा करने का वादा करते हैं।’’

तृणमूल कांग्रेस की यह टिप्पणी राज्य में चल रहे अंदरूनी-बाहरी के वाकयुद्ध के बीच आयी है। तृणमूल ने भाजपा को बार-बार बाहरियों की पार्टी बताया है जो राज्य की संस्कृति और मूल्यों के लिए खतरा पैदा करती है।बनर्जी ने कई ट्वीट किए और कहा कि वह आने वाले दिनों में राज्य के लोगों के लिए संघर्ष और काम करती रहेंगी।

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उन्होंने ट्वीट किया,‘‘ आज तृणमूल कांग्रेस की स्थापना के 23 वर्ष हो गए, मैं एक जनवरी 1998 में शुरू किए गए सफर को पीछे पलट कर देखती हूं। ये वर्ष बेहद संघर्ष भरे रहे लेकिन इस दौरान हम लोगों के लिए संघर्ष की अपनी प्रतिबद्धता पर डटे रहे और अपने उद्देश्यों को हासिल करते रहे।’’

उन्होंने लिखा,‘‘ तृणमूल कांग्रेस के स्थापना दिवस पर मैं अपनी मां-माटी-मानुष का और अपने सभी कार्यकर्ताओं का दिल से आभार व्यक्त करती हूं जो बंगाल को प्रतिदिन बेहतर और मजबूत बनाने में लगातार हमारे संघर्ष में शामिल हैं। तृणमूल परिवार आने वाले वक्त में भी इसी प्रण के साथ आगे बढ़ेगा।’’

तृणमूल कांग्रेस का मजाक उड़ाते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, ‘‘बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सरकार के गिनती के दिन रह गये हैं। यह आखिरी बार है कि वह सत्ता में रहते हुए स्थापना दिवस मना रही है। उन्होंने कहा, ‘‘ अगले विधानसभा चुनाव में उसे सत्ता से उखाड़ फेंका जाएगा। फिर कोई भी उसकी तकदीर का अनुमान लगा सकता है। बंगाल में इस साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं।