रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की हाफ बिजली बिल योजना से प्रदेश के लाखों घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के चेहरे पर खुशहाली देखी जा सकती है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना के तहत अब तक 38 लाख 42 हजार 50 उपभोक्ताओं को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 1336 करोड़ की घरेलू सब्सिडी दी गई है, या यह कह सकते है कि सीधे-सीधे लोगों की जेब में 1336 करोड़ रूपए की बचत हुई है।
गौरतलब है कि देश के बिजली हब छत्तीसगढ़ में किसानों, गरीब परिवारों को रियायती दरों पर बिजली आपूर्ति की अनेक योजनाएं संचालित की जाती रही हैं, पहली बार हाफ बिजली बिल योजना में घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के 400 यूनिट तक के बिल में आधे बिल की राशि में छूट दी गयी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर छत्तीसगढ़ में 1 मार्च 2019 से प्रारंभ की गई हाफ बिजली बिल योजना में घरेलू उपभोक्ताओं को प्रति माह 400 यूनिट तक की बिजली खपत पर प्रभावशील टैरिफ पर 50 प्रतिशत की छूट की पात्रता है। इस छूट के समतुल्य राशि राज्य शासन द्वारा विद्युत वितरण कंपनी को अनुदान के रूप में दी जाती है। माह सितंबर 2020 की स्थिति में कुल 38 लाख 42 हजार 50 उपभोक्ता इस योजना का लाभ ले चुके हैं। मार्च 2019 से अब तक छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 1336 करोड़ की घरेलू सब्सिडी घरेलू उपभोक्ताओं को दी गई है।
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निम्न और मध्यम आय वर्ग के अनेक ऐसे परिवार घरेलू बिजली उपभोक्ताओं में शामिल हैं, जिनके लिए बिजली बिल पटाना महंगाई के दौर में काफी मुश्किल होता था। रियायती दरों पर बिजली आपूर्ति की सुविधा इस वर्ग के लिए दूर की कौड़ी जैसा था, इसके विपरीत कुछ वर्षों के अंतराल में बिजली शुल्क में वृद्धि के कारण इस वर्ग के लोगों को अपने घरों के बिजली का बढ़ा हुआ बिल पटाना पड़ता था। इस बढ़ने वाले अति आर्थिक बोझ को पूरा करने के लिए उन्हें अपने अन्य जरुरी खर्चों में मजबूरन कटौती करनी पड़ती थी।
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में दिसंबर 2018 में गठित नई सरकार ने घरेलू उपभोक्ताओं के इस वर्ग की समस्याओं को पूरी संवेदनशीलता के साथ महसूस किया और ‘सबका साथ-सबका विकास’ की नीति पर अमल करते हुए राज्य के सभी घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए 01 मार्च 2019 से ‘हाफ बिजली बिल योजना’ लागू की और अपना एक बड़ा वादा पूरा किया। ‘हाफ बिजली बिल योजना’ प्रदेश के लाखों घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए अप्रत्याशित और सुखद बदलाव की योजना साबित हो रही है। प्रदेश के लाखों घरेलू बिजली उपभोक्ताओं ने कभी ऐसी योजना की कल्पना भी नहीं की थी। योजना ने इस वर्ग के लोगों को बड़ी राहत प्रदान की है। उनके घरों का हजार रुपए का बिजली बिल कुछ सैकड़ों में सिमट गया। अब इन उपभोक्ताओं के लिए अपने घर का बिजली बिल पटाने में होने वाला खर्च आधा हो गया है, बचत राशि का उपयोग अब वे अन्य कार्यों में कर सकेंगे।
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हाफ बिजली बिल योजना के अंतर्गत राज्य के सभी घरेलू उपभोक्ताओं को प्रतिमाह खपत की गई 400 यूनिट तक की बिजली पर प्रभावशील विद्युत की दरों के आधार पर आधे बिल की राशि की छूट दी जा रही है। इससे पहले उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 4.50 रूपये देने पड़ते थे, वर्तमान में 400 यूनिट बिजली खपत पर प्रति यूनिट 2.30 रूपये देने हांेगे। इस योजना का लाभ राज्य के सभी बी.पी.एल. और अन्य घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं को मिल रहा है। हाफ बिजली बिल योजना के प्रारंभ से माह सितम्बर 2020 तक राज्य के लगभग 38 लाख 42 हजार उपभोक्ताओं को 1336 करोड़ 19 लाख रुपए की रियायत दी गई है। इस योजना के लागू होने से प्रदेश के घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं का विद्युत देयक आधा हो गया है, जिसके कारण निम्न एवं मध्यम वर्ग के उपभोक्ता बचत की राशि से अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति करने में सक्षम हुए हैं। सतत और गुणवत्तापूर्ण बिजली की आपूर्ति और बिजली अधोसंरचना के विकास के किए गए कार्यो से प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं और हाफ बिजली बिल योजना से लाभान्वित होने वाले हितग्राहियों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। मार्च 2019 में हाफ बिजली बिल योजना जब शुरू हुई थी, तब बिजली उपभोक्ताओं की संख्या 45 लाख 65 हजार थी। इनमें से 29 लाख 45 हजार उपभोक्ताओं को हाफ बिजली बिल योजना का लाभ मिला। माह सितम्बर 2020 में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या बढ़कर 47 लाख 9 हजार हो गई। जिनमें से 38 लाख 42 हजार उपभोक्ताओं को हाफ बिजली योजना का लाभ मिला।
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