रांची। परीक्षा केंद्र में 3 मिनट की देरी से पहुंचने की सजा क्या हो सकती है। आप कहेंगे कि सजा का तो सवाल ही नहीं उठता, लेकिन सामने आए इस मामले को जानकर आपके होश उड़ जाएंगे। परीक्षा केंद्र में महज 3 मिनट की देरी से पहुंचने पर 12वीं क्लास की छात्रा को ऐसी सजा मिली कि उसका पूरा 1 साल बर्बाद हो गया।
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जानकारी के अनुसार धुर्वा स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में पढ़ने वाली 12वीं क्लास की छात्रा प्रियंका को तीन मिनट की देरी होने पर साल भर की सजा मिली है। दरअसल स्कूल के प्रिंसिपल ने उसे परीक्षा से ही वंछित कर दिया। बताते चले कि छात्रा कडरू स्थित डीएवी कपिलदेव स्कूल में परीक्षा दिलाने पहुंची तो पता चला कि वह तीन मिनट की देरी से एक्जाम सेंटर में पहुंची है।
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इस गलती पर प्रिसिंपल एमके सिन्हा ने उसकी क्लास ली और उसे परीक्षा में बैठने की इजाजत नहीं दी। इसकी जानकारी जब पिता को मिली तो वह दौड़कर वहां पहुंचा और गलती पर माफी मांगा। उसने प्रिंसिपल के पैर तक पकड़े, लेकिन वह नहीं माने। सीओ ने भी प्रिंसिपल से बात की लेकिन वह नहीं माने।
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इसकी जानकारी खबर सुनकर जेएमएम के स्थानीय नेता भी स्कूल पहुंचे और छात्रा को एंट्री दिलाने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हुए। जब सारी कोशिशें नाकाम हो गई, तो छात्रा और पिता की आंखों में आंसू छलक गए। छात्रा फूट-फूट कर रोते हुए वापस घर लौटी। इस घटना का छात्रों ने विरोध किया है। छात्रों को कहना है कि 3 मिनट की देरी के चलते किसी को परीक्षा में न बैठने देना अमानवीयता है।
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