तिल्दा। मध्यप्रदेश के शहडोल जिला के रहने वाले 11 मजदूर गुरुवार को दोपहर 12 बजे रायपुर से पैदल चले थे। 60 किलो मीटर का रास्ता तय करते रात 11 बजे तिलदा पहुंचे। इस दौरान रास्ते में उनको कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मजदूरों ने बताया की वे पांच दिन में शहडोल के पास अपने गांव पहुंच जाएंगे | कोरोना वायरस की रोकथाम को किए गए लॉकडाउन के बाद मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट भी खड़ा हो गया है। दूसरे प्रदेशों में काम करने वाले मजदूर घर लौट रहे हैं।
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रायपुर उरला की एक कारखाने में काम करने वाले मजदूरों को मंगलवार की रात घर जाने के लिए कह दिया गया। जब मजदूरों ने मालिक से जाने की समस्या बताई तो उसने हाथ खड़े कर दिए। तब सभी 11मजदूर पैदल ही शहडोल अनूपपुर के लिए निकले। 60 किलो मीटर का सफर तय करते हुए 12 घंटे बाद तिल्दा पहुंच गए। रास्ते में उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा, लेकिन वो पैदल ही जाने को मजबूर हैं। क्योंकि उनके पास घर जाने के लिए और कोई साधन नहीं है ।
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उधर जब तिल्दा रेलवे स्टेशन पर मजदूरों के जत्थे पर जब आरपीएफ की नजर पड़ी तो उन्होंने सभी मजदूरों को तत्काल स्क्रीनिंग के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेज दिया । रात 1बजे तक उनकी स्क्रीनिंग चलती रही। मजदूर डॉक्टर से यह कहते रहे कि ऐसा कुछ उन्हें लिखकर पर्चा दे दें ताकि रास्ते में कोई उन्हें परेशान मत करें । मजदूरों ने बताया कि वे 300 किलोमीटर पैदल ही 5 दिन में टेकर अनूपपुर और शहडोल अपने परिवार के पास पहुंच जाएंगे ।