श्रीनगर: New Year Celebration in Srinagar साल 2024 का आगमन हो चुका है और पूरा देश जश्न मनाकर नए साल का स्वागत कर रहा है। 31 दिसंबर की रात पूरे देश में जश्न का महौल देखने को मिला। साल 2024 के स्वागत में भारत के ऐसे जगहों पर जश्न मनाया गया, जहां कुछ सालों तक लोग दहशत में शाम 7 बजे के बाद घरों से नहीं निकलते थे। या यूं कहें कि आजादी के बाद यहां पहली बार नए साल का जश्न मना तो कहीं गलत नहीं होगा। अब आप भी सोच रहे होंगे कि पूरे भारत में तो जश्न मनाया जाता है और हम किस जगह की बात कर रहे हैं। तो चलिए आपको बताते हैं कि कहां आजादी के बाद पहली बार नए साल का जश्न मनाया गया।
New Year Celebration in Srinagar दरअसल हम बात कर रहे हैं कि जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर और अनंतनाग की जहां पहली बार नए साल का जश्न मनाया गया। श्रीनगर क लाल चौक में रात 12 बजे तक लोग नए साल का जश्न मनाते और झूमते गाते नजर आए। बता दें कि साल 2019 से पहले घंटा घर पर होने वाली सभाएं ज्यादातर विरोध प्रदर्शन या अलगाववादी घटनाओं से जुड़ी होती थीं, लेकिन रविवार का माहौल सबसे अलग और नया था।
स्थानीय लोगों की मानें तो यहां पहली बार सभी लोग एक साथ मिलकर सार्वजनिक तौर पर नए साल का स्वागत किए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसा नहीं है कि पहले भी नए साल की पार्टियां नहीं होती थी, लेकिन ज्यादातर लोग घरों में या एक वर्ग तक ही सीमित रहते थे। कुछ साल पहले तक सार्वजनिक स्थान पर नए साल की पार्टी करना अकल्पनीय था लेकिन अब चीजें बदल गई हैं।
उन्होंने कहा, हर कोई जीवन में कुछ मनोरंजन करना चाहता है। चारों ओर देखें और आपको जीवन के सभी क्षेत्रों के लोग मिलेंगे। आपके पास रूढ़िवादी दृष्टिकोण वाले लोग हैं और आपके पास आधुनिक दिखने वाले लोग भी हैं। वे सभी अच्छा समय बिता रहे हैं। ना सिर्फ शहरवासी, बल्कि घाटी के अन्य हिस्सों से भी कश्मीरी नए साल के जश्न का आनंद लेने के लिए श्रीनगर आए हैं।
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गौरतलब है कि मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने आर्टिकल 370 को खत्म कर दिया था। साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश भी बना दिया था। धारा 370 खत्म होने के बाद जम्मू-कश्मीर में ताबड़तोड़ परिवर्तन देखने को मिला है। यहां पर्यटन से लेकर स्थानीय कारोबार में भी तरक्की देखने को मिली है। बताया जा रहा है कि इस बार पर्यटकों की पहली पसंद जम्मू-कश्मीर है। जबकि पहले नए साल पर लोग हिमाचल जाना पसंद करते थे।