Year Ender 2022: भोपाल। 2023 साल में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही राजनीतिक दलों के लिए एकतरफा नहीं रहने वाला है। यह ऐसा चुनाव होगा जिसमें कार्यकर्ता और संगठन की भूमिका पिछले चुनावों से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण रहेगी। जिस भी दल ने बेहतर उम्मीदवारों का चयन किया और कार्यकर्ताओं की क्षमताओं का इस्तेमाल किया, उसके लिए सत्ता की राह आसान होगी। प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर दोनों पार्टियां कितनी तैयार है इसका नमूना हाल ही में हुए शीतकालीन सत्र में देखने को मिला। ये सत्र छोटा जरूर था लेकिन इस सत्र में कांग्रेस ने अपनी तैयारियों की एक झलक दिखा दी है।
Year Ender 2022: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए एक साल भी नहीं बचा है। यही कारण है कि दोनों प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस पूरी तरह से चुनावी मोड में आ गई है। बीजेपी ने साल 2022 से ही प्रदेश में माहौल बना दिया है। साल 2022 की बात की जाए तो मध्यप्रदेश में कई विकास कार्य हुए उनका लोकार्पण और उद्धाटन में पीएम मोदी ने शिरकत की। ऐसा ही अब आगामी साल में भी देखने को मिलेगा। प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के 2023 के दौरे पहले से ही प्रस्तावित है। 2023 में भी प्रदेश को चुनावी रंग को रंगने के लिए पीएम मोदी एमपी की जनता के बीच आएंगे।
Year Ender 2022: इस चुनावी साल में मध्यप्रदेश बीजेपी में कई बदलाव देखने को मिलेंगे। इस साल प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा का कार्यकाल खत्म हो रहा है। जिसके बाद बीजेपी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल सकता है। जिससे बीजेपी के नेतृत्व में परिवर्तन देखने को मिलेगा। इसी साल संगठन में कसावट लाने के लिए मंत्रीमंडल का भी विस्तार होना है। शिवराज कैबिनेट से इस बार कई दिग्गजों की छुट्टी हो सकती है और नए चेहरों को मौका दिया जाएगा। जिसे लेकर कार्यालय में सीएम शिवराज की लगातार बैठकों का दौर भी चालू है। इसके अलावा बीजेपी में चुनावी साल में कई बदलाव देखने को मिलेंगे। ऐसा माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश में भी गुजरात मॉडल लागू हो सकता है। जैसे गुजरात बीजेपी ने संगठन में कई बदलाव कर बंपर जीत हासिल की ठीक उसी तरह एमपी बीजेपी सीएम से लेकर सभी की तस्वीर बदल सकती है।
Year Ender 2022: मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के पिछले चुनाव में 230 सदस्यों वाली विधानसभा में 109 सदस्य पहुंचे थे। यही कारण है कि भाजपा अब फूंक-फूंक कर कदम बढ़ा रही है। पार्टी ने अंदरूनी तौर पर विधायकों को लेकर कर्वे करा रही है और रिपोर्ट भी तैयार कर रही है। हालही में एक सर्वे रिपोर्ट में पार्टी के 40 से ज्यादा विधायकों की रिपोर्ट नकारात्मक आई है। जिसे लेकर अब विधायकों में चिंता बढ़ गई है। पार्टी के वरिष्ठ लगातार इसे लेकर पदाधिकारियों और मंत्रियों की आगामी रणनीति तय कर रही है। जिसके मुताबिक प्रभारी मंत्रियों और संगठन से जुड़े लोगों को जिले स्र पर तैनात किए जाने भी फैसला किया गया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार सरकार और संगठन में कसावट लाने में पूरा जोर लगाए हुए हैं।
IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें