Kanya Pujan Niyam: अगर आप भी नवरात्रि में अष्टमी या नवमी के दिन अपने घर पर कन्या पूजन करने जा रहे हैं तो ये खबर आपके लिए अहम साबित हो सकती है। दरअसल, नवरात्रि की अष्टमी व नवमी तिथि को कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। इस दिन कन्याओं को सम्मानपूर्वक बुलाकर उनकी पूजा की जाती है और भोजन कराया जाता है। मान्यता है कि कन्या पूजन के बाद ही नवरात्रि पूजन या व्रत संपन्न होता है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक, नवरात्रि में कन्या पूजन करने से मां दुर्गा का आशीर्वाद मिलता है और मांगी हुई मनोकामना भी पूरी होती है। ऐसे में अगर आप भी कन्या पूजन करने जा रहे हैं तो कुछ नियमों या बातों का ध्यान जरूर रखें..
कन्या पूजन के समय इन बातों का रखें ध्यान
- ध्यान रहे कि कन्या पूजन हमेशा शुभ मुहूर्त में ही किया जाना चाहिए। राहुकाल व भद्रा का विचार जरूरी है।
- कन्या पूजन में इस बात का ध्यान रखें कि कन्याओं की उम्र 2-10 वर्ष के बीच होनी चाहिए और इनकी संख्या 9 होनी चाहिए। कन्याओं के साथ एक बालक को भी आमंत्रित करना चाहिए। बालक को लांगूरा (बटुक भैरव) का रूप माना जाता है।
- कन्या पूजन में कन्याओं को फूल देना शुभ माना गया है। कन्याओं को गुलाब, चंपा, मोगरा, गेंदा, गुड़हल आदि के फूल दे सकते हैं।
- मान्यता है कि कन्याओं को फल देकर पूजन करना चाहिए। लेकिन, ध्यान रखें कि फल खट्टा न हो।
- कन्या पूजन में कन्या को भोजन कराना चाहिए और अपनी सामर्थ्यनुसार दक्षिणा अवश्य देनी चाहिए।
- कन्याओं को श्रृंगार सामग्री देना अत्यंत शुभ माना गया है। नवरात्रि में कन्याओं को मां दुर्गा का स्वरूप माना जाता है।
- कन्या पूजन में कन्याओं को खीर या हलवा आदि बनाकर खिलाना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं।
- कन्याओं को वस्त्र उपहार में देने का विशेष महत्व है। आप अपनी क्षमतानुसार रूमान या रिबन आदि भी दे सकते हैं।