बिलासपुरः चैतन्य कॉलेज पामगढ़ में हिंदी डिपार्मेंट की HOD डॉ शैली हिंदी साहित्य को सहेजने के साथ-साथ साहित्यकारों के उत्थान की दिशा में भी लगातार काम कर रही हैं। डॉ शैली, छत्तीसगढ़ में महिला साहित्यकारों पर शोध कर रही हैं।
डॉ शैली का मानना है कि छत्तीसगढ़ की महिला साहित्यकारों ने नारी समस्याओं को बेहद गंभीरता से उठाया है। डॉ शैली देशभर में 30 से अधिक सेमीनार में हिस्सा लेकर हिंदी साहित्य पर प्रेजेंटेशन दे चुकी हैं। हिंदी साहित्य की सेवा के साथ ही डॉ शैली एक फुटबाल प्लेयर भी हैं। हिंदी साहित्य के विशाल सागर में अपने शोध के जरिए योगदान देने वाली डॉ शैली ओझा को IBC24 नारी रत्न सम्मान प्रदान किया गया।