EVM Machine Working Model || छग निकाय-पंचायत निर्वाचन 2025

EVM Machine Working Model: ‘कैसे काम करता है EVM?’.. हर आम मतदाता समझ सकता है इस मशीन का फंक्शन, निर्वाचन आयोग की बड़ी पहल

सभी मतदान कर्मियों को प्रशिक्षण को गम्भीरता से लेने एवं मतदान प्रक्रिया की बारीकियों पर विशेष ध्यान देने की बात कही। इस दौरान सम्बंधित विकासखण्ड के एसडीएम, तहसीलदार, मास्टर ट्रेनर सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।

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Reported By: dhiraj dubay

Modified Date: January 30, 2025 / 07:00 PM IST
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Published Date: January 30, 2025 6:27 pm IST
HIGHLIGHTS
  • कोरबा कलेक्टर व निर्वाचन अधिकारी की अनुकरणीय पहल
  • मतदान प्रक्रिया से अवगत होंगे आम नागरिक
  • दी जाएगी ईवीएम संचालन की जानकारी

EVM Machine Working Model : कोरबा: छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशों के तहत, कोरबा जिले के कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अजीत वसंत ने नगरीय निकाय के आगामी आम निर्वाचन 2025 के लिए ईवीएम संचालन और मतदान प्रक्रिया के बारे में नागरिकों को विस्तृत जानकारी प्रदान करने की व्यवस्था की है। इस संदर्भ में कलेक्टर ने जानकारी दी कि कलेक्ट्रेट, सभी एसडीएम, तहसील, मुख्य नगर पालिका अधिकारी कार्यालय और जिले के प्रोफेशनल तथा डिग्री कालेजों में नाम वापसी की तिथि से लेकर मतदान के दो दिन पहले तक ईवीएम संचालन और मतदान प्रक्रिया की विस्तार से जानकारी दी जाएगी।

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साथ ही, आम नागरिक और प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधि भी अपनी शंकाओं और जिज्ञासाओं का समाधान करने के लिए इन स्थानों पर आयोजित ईवीएम प्रदर्शन के दौरान उपस्थित विशेषज्ञों से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

कलेक्टर-एसपी ने किया निरीक्षण

EVM Machine Working Model : कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अजीत वसंत एवं एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने कटघोरा एवं पोड़ी उपरोड़ा विकासखण्ड में त्रिस्तरीय पंचायत आम निर्वाचन 2025 अंतर्गत मतदान दलों को दिए जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम का निरीक्षण किया। उन्होंने प्रशिक्षण में उपस्थित सभी मतदान कर्मियों को ट्रेनिंग को गम्भीरता से लेने एवं मतदान प्रक्रिया को पूरी तरह से समझने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि मतदान कार्य मे किसी प्रकार की लापरवाही नही होनी चाहिए सभी इसका विशेष ध्यान रखें। कटघोरा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय एवं पोड़ी उपरोड़ा के स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में आयोजित प्रशिक्षण का अवलोकन करते हुए कलेक्टर ने मतदान कर्मियों को प्रोत्साहित करते हुए ट्रेनिंग का लाभ उठाने के निर्देश दिए।

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EVM Machine Working Model : उन्होंने मतदान कर्मियों से पूर्व में विधानसभा व लोकसभा निर्वाचन कार्य के दौरान मतदान केंद्रों में सुविधाओं में रही कमी के सम्बंध में जानकारी लेते हुए सम्बंधित अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को अवगत कराने की बात कही। जिससे उन कमियों के समय पर निराकरण किया जा सके। उन्होंने सभी मतदान कर्मियों को प्रशिक्षण को गम्भीरता से लेने एवं मतदान प्रक्रिया की बारीकियों पर विशेष ध्यान देने की बात कही। इस दौरान सम्बंधित विकासखण्ड के एसडीएम, तहसीलदार, मास्टर ट्रेनर सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।

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ईवीएम (EVM) मशीन क्या होती है?

ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है, जिसे चुनाव में वोटिंग प्रक्रिया को सुविधाजनक और पारदर्शी बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह मशीन वोटों को सुरक्षित तरीके से कैप्चर करती है और मतगणना के समय आसानी से परिणाम प्रस्तुत करती है।

ईवीएम मशीन कैसे काम करती है?

ईवीएम में एक कंट्रोल यूनिट और एक बैलट यूनिट होती है। कंट्रोल यूनिट चुनाव अधिकारी के पास होती है, जबकि बैलट यूनिट वोटरों के पास होती है। जब वोटर बैलट यूनिट पर उम्मीदवार के नाम के सामने बटन दबाता है, तो वोट इलेक्ट्रॉनिक रूप से दर्ज हो जाता है और कंट्रोल यूनिट में सुरक्षित रहता है।

ईवीएम मशीन में क्या सुरक्षा उपाय हैं?

ईवीएम मशीनों में कई सुरक्षा उपाय होते हैं जैसे कि बैलट यूनिट का लॉक किया जाना, बैटरी बैकअप, और मतपत्र के साथ कोई भी छेड़छाड़ न होने देना। मशीन को विभिन्न प्रकार के परीक्षणों से गुजरने के बाद ही चुनाव में उपयोग किया जाता है।

ईवीएम मशीन की सही तरीके से जांच कैसे की जाती है?

चुनावों से पहले, ईवीएम मशीनों की पूरी तरह से जांच की जाती है और उन्हें विभिन्न प्रकार के परीक्षणों से गुजरना पड़ता है। चुनाव अधिकारी और विशेषज्ञों द्वारा मशीनों की कार्यप्रणाली का परीक्षण किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे सही ढंग से काम कर रही हैं।

क्या ईवीएम मशीनों में कोई गड़बड़ी हो सकती है?

ईवीएम मशीनें अत्यधिक सुरक्षित और तकनीकी दृष्टिकोण से मजबूत होती हैं, लेकिन किसी भी तकनीकी डिवाइस में संभावित गड़बड़ी हो सकती है। ऐसे मामलों में चुनाव आयोग द्वारा वैकल्पिक उपाय और जांच प्रक्रियाएँ होती हैं।