(फोटो सहित)
मुंबई, एक दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को कहा कि राज्य के नए मुख्यमंत्री के बारे में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) फैसला करेगी जिसका वह पूरा समर्थन करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के गठन को लेकर महायुति के सहयोगियों के बीच कोई मतभेद नहीं है।
शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे को उपमुख्यमंत्री का पद और शिवसेना को गृह विभाग दिए जाने की अटकलों पर एकनाथ शिंदे ने कहा कि महायुति की तीनों सहयोगी शिवसेना, भाजपा और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) आम सहमति से इस पर फैसला करेंगी।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति को भारी जीत मिलने के एक सप्ताह से अधिक समय बाद भी नयी सरकार का गठन नहीं हुआ है। चुनाव में भाजपा 132 सीट के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। भाजपा सतर्कता के साथ कदम बढ़ रही है, क्योंकि उसके सहयोगी दलों, खासकर शिवसेना की आकांक्षाएं चुनाव में मिली भारी जीत के बाद काफी बढ़ गई हैं।
नेता चुनने के लिए भाजपा विधायक दल की बैठक अभी तक नहीं हुई है, जिन्हें पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद के लिए चुना जाएगा। शिवसेना और राकांपा ने अपने-अपने नेता चुन लिए हैं।
भाजपा ने घोषणा की है कि नयी महायुति सरकार का शपथ ग्रहण समारोह पांच दिसंबर की शाम दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में होगा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसमें शामिल होंगे।
अभी तक इस बात की घोषणा नहीं हुई है कि मुख्यमंत्री कौन होगा, लेकिन भाजपा सूत्रों ने बताया कि दो बार मुख्यमंत्री रह चुके देवेंद्र फडणवीस इस पद की दौड़ में सबसे आगे हैं। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली निवर्तमान सरकार में फडणवीस उपमुख्यमंत्री थे।
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि विधायक दल की बैठक तीन या चार दिसंबर को हो सकती है। गठबंधन के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि महायुति के घटक दल मिलकर तय करेंगे कि पांच दिसंबर को सिर्फ मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ही शपथ लेंगे या मंत्रियों को भी शपथ दिलाई जाएगी।
शिंदे शुक्रवार को सतारा जिले में अपने पैतृक गांव चले गए थे। गांव में उन्हें तेज बुखार हो गया। ऐसी अटकलें थीं कि शिंदे नयी सरकार के गठन से खुश नहीं हैं।
मुंबई रवाना होने से पहले रविवार को अपने गांव में पत्रकारों से बातचीत में शिंदे ने कहा, ‘‘मैं पहले ही कह चुका हूं कि भाजपा नेतृत्व द्वारा मुख्यमंत्री पद पर लिया गया निर्णय मुझे और शिवसेना को स्वीकार्य होगा तथा उसे मेरा पूरा समर्थन होगा।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या उनके पुत्र और लोकसभा सदस्य श्रीकांत शिंदे को नयी सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा और क्या शिवसेना ने गृह विभाग के लिए दावा पेश किया है, शिंदे ने कहा, ‘‘बातचीत चल रही है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले सप्ताह दिल्ली में (केंद्रीय मंत्री) अमित शाह के साथ बैठक हुई थी। अब हम तीनों गठबंधन सहयोगी सरकार गठन की बारीकियों पर चर्चा करेंगे।’’
स्वास्थ्य के बारे में पूछे जाने पर शिवसेना नेता ने कहा कि वह अब ठीक हैं और आराम करने के लिए अपने पैतृक गांव आए थे। शिंदे ने कहा, ‘‘मैं हमेशा अपने गांव आता हूं। जब मैंने पिछले सप्ताह ही अपना रुख स्पष्ट कर दिया, तो इसमें कोई भ्रम क्यों होना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम ऐसी सरकार देंगे, जो लोग चाहते हैं। पिछले ढाई साल में हमारे काम के बदले, जो भारी जनादेश मिला है, उसके कारण अब हमारी जिम्मेदारी बढ़ गई है।’’
शिंदे ने दोहराया कि महायुति सहयोगियों के बीच कोई मतभेद नहीं है और बताया कि भाजपा ने अभी तक अपने विधायक दल के नेता की घोषणा नहीं की है। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा ने अभी तक अपने विधायक दल के नेता की घोषणा नहीं की है। हम लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेंगे। हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है। हम लोगों के हित में निर्णय लेंगे। मेरे रुख को दोहराने की कोई जरूरत नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसमें कोई शक-शुबहा नहीं है। मेरा स्वास्थ्य अब ठीक है। हमारी सरकार का काम इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा।’’
शिंदे रविवार दोपहर को ठाणे पहुंचे। हेलीपैड पर एकनाथ शिंदे, श्रीकांत शिंदे और निवर्तमान मंत्री दीपक केसरकर आपस में बातचीत करते देखे गए।
इस बीच, भाजपा के एक नेता ने दावा किया कि पार्टी विधायकों को विधायक दल की बैठक के समय के बारे में अभी तक सूचित नहीं किया गया है।
एक दिन पहले भाजपा नेताओं ने पुष्टि की थी कि नए नेता की नियुक्ति के लिए बैठक दो दिसंबर को होगी। पहचान नहीं बताने की शर्त पर एक नेता ने कहा, ‘‘लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि बैठक तीन या चार दिसंबर तक के लिए टाल दी जाएगी।’’ भाजपा के वरिष्ठ नेता रावसाहेब दानवे ने एक समाचार चैनल से कहा कि मुख्यमंत्री का नाम तय हो चुका है और पार्टी नेतृत्व की ओर से इसकी पुष्टि का इंतजार है।
राकांपा प्रमुख अजित पवार ने शनिवार को कहा कि मुख्यमंत्री भाजपा से होगा, जबकि शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और राकांपा से उपमुख्यमंत्री होंगे।
राकांपा की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख सुनील तटकरे ने कहा कि भाजपा विधायक दल का नेता अभी तक नियुक्त नहीं किया गया है। रायगढ़ से लोकसभा सदस्य सुनील तटकरे ने कहा, ‘‘हम साथ बैठकर तय करेंगे कि क्या केवल मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ही शपथ लेंगे या मंत्री भी शपथ लेंगे।’’
इस बीच, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के एक सप्ताह से अधिक समय बाद भी महायुति द्वारा मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला नहीं किया जाना और सरकार न बना पाना महाराष्ट्र का ‘अपमान’ है।
आदित्य ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ के जरिए सवाल उठाया कि राज्य में अभी तक राष्ट्रपति शासन क्यों नहीं लगाया गया है? महायुति के सबसे बड़े घटक दल भाजपा पर निशाना साधते हुए ठाकरे ने कहा कि सरकार बनाने का दावा पेश किए बिना ही शपथ ग्रहण की तारीख की एकतरफा घोषणा करना ‘‘घोर अराजकता’’ है।
शिवसेना (उबाठा) नेता ने सवाल उठाया, ‘‘राष्ट्रपति शासन का क्या हुआ? क्या इसे अब तक लागू नहीं हो जाना चाहिए था? अगर विपक्ष के पास संख्या बल होता और निर्णय नहीं हो पाता, तो क्या इसे अब तब नहीं लागू किया होता?’’
भाषा आशीष संतोष
संतोष
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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