अमरावती: Maharashtra Water Crisis भीषण गर्मी के बीच महाराष्ट्र के मेलघाट पट्टी के कई गांव पानी की गंभीर किल्लत का सामना कर रहे हैं जिस वजह से ग्रामीणों को गहरे कुओं में उतरना पड़ रहा है और एक घड़ा पानी लाने के लिए नंगे पैर पर्वतीय क्षेत्र में लंबा चलना पड़ रहा है। हालांकि स्थानीय प्रशासन पानी के टैंकरों को भेजता है, लेकिन ग्रामीणों की शिकायत है कि आपूर्ति अपर्याप्त है और पानी पीने के लायक नहीं है।
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Maharashtra Water Crisis धरनी रोड पर खादीमल ऐसा ही एक आदिवासी बहुल गांव है जो मेलघाट टाइगर रिजर्व से लगभग 50 किलोमीटर दूर सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला में स्थित है। सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, करीब 1,500 की आबादी वाले गांव में 311 घर हैं। गांव में पानी की किल्लत एक चिरस्थायी समस्या है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, यह नवंबर से शुरू होती है और फरवरी तक गंभीर हो जाती है। स्थानीय निवासी राम बेठेकर (65) ने कहा कि गांव में चार कुएं थे जो बहुत पहले सूख गए और गांव में एक बोरवेल है जो खराब पड़ा है। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन दिन में दो बार एक टैंकर भेजता है जो गांव में स्थित एक कुएं में पानी को डालता है।
एक महिला निवासी ने कहा, “सिर्फ एक घड़ा पानी लाने के लिए, हम गहरे कुएं में नीचे उतरते हैं और फिर सिर पर पानी के घड़े को रखकर संतुलित होते हुए ऊपर चढ़कते हैं। हमें अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ती है।” लोग एक झरने से पानी लाने के लिए इस भीषण गर्मी में तीन किलीमीटर पैदल चल कर जाते हैं। ग्रामीणों ने कहा कि मवेशियों को भी कई बार प्यासा रहना पड़ता है। भूर्या कसदेकरी ने दावा किया कि सरपंच उनकी परेशानी सुनने के लिए मुश्किल से ही आते हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण पानी की कमी की समस्या के समाधान के लिए पास में बांध बनाने की मांग कर रहे हैं।
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