वाशिम (महाराष्ट्र), 19 अप्रैल (भाषा) जिले के रहने वाले भारतीय सेना के एक जवान ने अरुणाचल प्रदेश में गश्त के दौरान नदी में गिरे साथी जवानों को बचाते समय अपने प्राणों की आहुति दे दी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि 14 अप्रैल को ड्यूटी के दौरान शहीद हुए नायक अमोल गोरे के पार्थिव शरीर को बुधवार को उनके पैतृक गांव सोनखास लाया गया, जहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।
वाशिम के पुलिस अधीक्षक बच्चन सिंह ने बताया, “हजारों नागरिक उनकी अंतिम यात्रा के दौरान ‘अमोल गोरे अमर रहे’ के नारे लगा रहे थे। वाशिम ग्रामीण थाने के प्रभारी एपीआई प्रमोद इंगले ने पुलिस विभाग की ओर से शहीद को श्रद्धांजलि दी।’’
पुलिस ने कहा कि गोरे सेना की 11 पैरा स्पेशल फोर्स यूनिट से जुड़े थे। उन्होंने कहा कि वह 2010 में सेना में शामिल हुए थे। उनके परिवार में पत्नी और दो बेटे हैं।
रक्षा मंत्रालय के एकीकृत मुख्यालय (सेना) के लोक सूचना महानिदेशालय ने ट्विटर पर गोरे के सर्वोच्च बलिदान के बारे में विवरण साझा किया। इसमें कहा गया है कि गोरे 14 अप्रैल को अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी कामेंग में गश्त के दौरान नदी में गिरे सैनिकों को बचाने के क्रम में शहीद हुए थे।
महानिदेशालय ने कहा, ‘थलेसना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और भारतीय सेना के सभी अधिकारी नदी में गिरे साथी सैनिकों को बचाते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले नायक गोरे अमोल तान्हाजी को नमन और शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।’
भाषा जोहेब अर्पणा
अर्पणा
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