(फोटो के साथ)
(कुणाल दत्त)
पुणे, 15 जनवरी (भाषा) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि कई देशों में ‘‘गैर-सरकारी तत्वों’’ का उभरना और उनका आतंकवाद का सहारा लेना ‘‘चिंता का विषय’’ है।
यहां 77वें सेना दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में संघर्ष और युद्ध अधिक हिंसक तथा अप्रत्याशित हो जाएंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार सशस्त्र बलों को आधुनिक बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही, साथ ही उन्होंने कहा कि बदलती भू-राजनीतिक विश्व व्यवस्था और युद्ध के लगातार बदलते चरित्र को ध्यान में रखना होगा।
सिंह ने कहा, ‘मुझे लगता है कि आने वाले समय में संघर्ष व युद्ध और अधिक हिंसक तथा अप्रत्याशित हो जाएंगे। (युद्ध में) गैर परंपरागत और विषम तरीके धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं।’
किसी देश का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि कई देशों में गैर-सरकारी तत्वों का उभरना और आतंकवाद का सहारा लेना चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा कि साथ ही, तेजी से हो रही तकनीकी प्रगति के कारण भविष्य के युद्ध में काफी हद तक बदलाव देखने को मिलेगा।
सिंह ने कहा कि साइबर और अंतरिक्ष क्षेत्र तेजी से ‘नए युद्ध क्षेत्र’ के रूप में उभर रहे हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘इसके साथ-साथ, विमर्श का युद्ध भी पूरी दुनिया में लड़ा जा रहा है। सेना को इन बहुस्तरीय चुनौतियों का सामना करने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।’
सिंह ने अपने भाषण की शुरुआत में कहा कि वह पुणे की वीर भूमि, छत्रपति शिवाजी की भूमि और बाल गंगाधर तिलक जैसे स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करते हैं।
उन्होंने कहा कि शांति कायम करने के लिए ताकत जरूरी है।
सिंह ने यह भी कहा कि रणनीतिक स्वायत्तता हासिल करने के लिए आत्मनिर्भरता जरूरी है।
रक्षा मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए एक मजबूत सुरक्षा प्रणाली, मजबूत सेना और सुरक्षित सीमाओं की आवश्यकता पर जोर दिया।
भाषा जोहेब देवेंद्र
देवेंद्र
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