सेवा में कमी के लिए वरिष्ठ नागरिक को 50 हजार रुपये का भुगतान करने का वोडाफोन आइडिया को निर्देश |

सेवा में कमी के लिए वरिष्ठ नागरिक को 50 हजार रुपये का भुगतान करने का वोडाफोन आइडिया को निर्देश

सेवा में कमी के लिए वरिष्ठ नागरिक को 50 हजार रुपये का भुगतान करने का वोडाफोन आइडिया को निर्देश

:   Modified Date:  September 24, 2024 / 06:38 PM IST, Published Date : September 24, 2024/6:38 pm IST

मुंबई, 24 सितंबर (भाषा) मुंबई के एक उपभोक्ता आयोग ने एक वरिष्ठ नागरिक की मोबाइल सेवाएं अचानक बंद करने और उसे अंतरराष्ट्रीय रोमिंग पैक डेटा का उपयोग नहीं करने देने के कारण हुई मानसिक प्रताड़ना के लिए उन्हें 50,000 रुपये का मुआवजा देने का वोडाफोन आइडिया को निर्देश दिया है।

जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (मध्य मुंबई) ने सोमवार को पारित आदेश में मोबाइल सेवा प्रदाता को ‘असुविधा, मानसिक और वित्तीय उत्पीड़न और पीड़ा’ पहुंचाने के लिए सेवा में कमी का दोषी ठहराया।

मुंबई निवासी शिकायतकर्ता ने दो मई, 2019 से 28 दिन के लिए अपने मोबाइल नंबर पर एक अंतरराष्ट्रीय रोमिंग पैक (आई-रोमफ्री) का विकल्प चुना था। असीमित इनकमिंग और आउटगोइंग कॉल के अलावा, इस प्लान में 5.2 जीबी इंटरनेट डेटा भी दिया गया था।

शिकायतकर्ता ने दो मई, 2019 को केन्या जाने के बाद इस प्लान का उपयोग करना शुरू किया। उन्होंने लगभग 75 प्रतिशत डेटा (5.2 जीबी में से) का उपयोग कर लिया।

उन्होंने जिम्बाब्वे में विक्टोरिया की अपनी यात्रा के दौरान दो दिन के लिए डेटा का उपयोग यह मानते हुए किया कि यह क्षेत्र पैक के अंतर्गत आता है। शिकायतकर्ता ने दावा किया कि उसे सेवा प्रदाता से कोई संदेश नहीं मिला जिसमें यह बताया जाता कि विक्टोरिया फॉल्स क्षेत्र उक्त प्लान के अंतर्गत नहीं आता।

शिकायतकर्ता ने कहा कि उसे रोमिंग दर अनुसूची के बारे में सूचित करने वाला कोई चेतावनी संदेश भी नहीं मिला, जो किसी नए देश में प्रवेश करने पर लागू हो जाता है।

शिकायतकर्ता ने कहा कि 124 एमबी डेटा इस्तेमाल करने के बाद वोडाफोन आइडिया ने बिना किसी सूचना मेल या संदेश के उनकी मोबाइल फोन सेवा अचानक बंद कर दी। शिकायत में कहा गया है कि सेवा प्रदाता ने अनुचित रूप से 72,419 रुपये का बिल थोप दिया।

शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में कहा कि वह दो दिन के भीतर केन्या लौटे और कंपनी से सेवाएं बहाल करने तथा 5 जीबी पैक से शेष डेटा का उपयोग करने की अनुमति देने का अनुरोध किया, लेकिन सेवा प्रदाता ने उनके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया तथा सेवा बहाली के लिए लगभग 60,000 रुपये का भुगतान करने को कहा।

शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में कहा कि उन्होंने मामले को ग्राहक संबंध प्रकोष्ठ, नोडल अधिकारियों और भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) सहित अन्य के समक्ष उठाया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने कहा कि लगभग 40 दिन तक सेवा से बाहर रहने के बाद, शिकायतकर्ता को जीएसटी सहित 86,290 रुपये का बिल चुकाने के लिए मजबूर होना पड़ा।

शिकायतकर्ता ने वोडाफोन आइडिया पर नेटवर्क सेवाओं को अवैध रूप से ‘डिसकनेक्ट’ करने के चलते सेवा की कमी के कारण गलत तरह से नुकसान होने का आरोप लगाया।

मोबाइल सेवा प्रदाता ने दलील दी कि ग्राहक को पता था कि रियायती दर प्लान में केवल 77 देश सूचीबद्ध थे। बाकी के लिए, आई-रोमफ्री पैक के तहत उपयोग के लिए मानक अंतरराष्ट्रीय शुल्क लागू हैं।

कंपनी ने कहा कि चूंकि जिम्बाब्वे 77 देशों में नहीं था, इसलिए शिकायतकर्ता को मानक दर पर बिल भेजा गया था।

आयोग ने कहा कि शिकायतकर्ता केन्या लौटने के बाद आई-रोमफ्री पैक का लाभ उठाने के हकदार थे, जो उन्होंने 28 दिन के लिए 5,999 रुपये में लिया था और उनका डेटा पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ था।

आयोग ने कहा, ‘‘हमारा मानना ​​है कि दूसरे पक्ष ने सेवा में इस हद तक कमी की है कि उसने शिकायतकर्ता को लागू रोमिंग शुल्क के बारे में पहले से सूचित नहीं किया, मनमाने ढंग से उन्हें 72,419 रुपये तक की रोमिंग सेवाओं का उपयोग करने दिया, उन्हें इसे चुकाने के लिए मजबूर किया, उनकी सेवाओं को अचानक बंद कर दिया तथा केन्या में भी इसे बहाल नहीं किया।’’

आयोग ने कहा कि शिकायतकर्ता, जो एक वरिष्ठ नागरिक हैं, को उस देश (केन्या) में भी सेवाओं से वंचित रखा गया, जहां यह प्लान लागू था, जिससे उन्हें असुविधा हुई, उनका मानसिक और वित्तीय उत्पीड़न हुआ और पीड़ा हुई, जिसके लिए वह मुआवजा पाने के हकदार हैं और मोबाइल सेवा प्रदाता को शिकायतकर्ता को 50,000 रुपये और शिकायत दर्ज करने पर खर्च के लिए 1000 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया जाता है।

भाषा अमित वैभव

वैभव

 

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