पुणे, 17 जनवरी (भाषा) शेतकरी कामगार पक्ष के वयोवृद्ध नेता नारायण ज्ञानदेव पाटिल का निधन महाराष्ट्र के कोल्हापुर में उम्र संबंधी बीमारियों की वजह से सोमवार हो गया। वह 94 साल के थे। पाटिल ने किसानों और हाशिये पर गए वर्गों की लड़ाई जिंदगी भर लड़ी। वह किसानों और मजदूरों के न्याय और अधिकारों के लिए 1948 में शेतकरी कामगार पक्ष (एसकेपी) में शामिल हुए। संगठन के साथ काम करने के दौरान पाटिल ने शैक्षणिक और सामाजिक मुद्दों पर गहराई से अध्ययन किया। उन्होंने पूरी जिंदगी निचले तबकों के हितों की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ी।
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पाटिल 18 साल तक विधान पार्षद रहे और राज्य के सहकारिता मंत्री के तौर पर कार्य किया। महाराष्ट्र एकीकरण समिति के नेता पाटिल वर्ष 1985 से 1990 तक विधायक भी रहे। पाटिल का जन्म 15 जुलाई 1929 में पश्चिमी महाराष्ट्र के सांगली जिले के धावली गांव में हुआ था।
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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने पाटिल के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया। उन्होंने कहा कि सिद्धांतों के पक्के और निस्वार्थ भाव से कार्य करने वाले नेता जिनकी आस्था कामगार वर्ग के साथ थी, हमने खो दिया। पवार ने कहा, ‘‘उन्होंने विधायिका में हाशिये पर रहने वाले वर्गों के मुद्दों को उठाया।’’
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