नागपुर, सात जनवरी (भाषा) महाराष्ट्र में एक वकील ने मंगलवार को बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ का रुख करते हुए आग्रह किया कि वह ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) पर चिंताओं का संज्ञान ले और राज्य सरकार को इस संबंध में सक्रिय कदम उठाने का निर्देश दे।
अधिवक्ता श्रीरंग भंडारकर ने अपनी याचिका में कहा कि उच्च न्यायालय ने 2020 में कोविड-19 महामारी का स्वतः संज्ञान लिया था, इसलिए एचएमपीवी को लेकर बढ़ती वैश्विक और क्षेत्रीय चिंताओं के बीच अब इसी तरह की कार्रवाई की आवश्यकता है।
उच्च न्यायालय द्वारा इस आवेदन पर 10 जनवरी को सुनवाई किये जाने की संभावना है।
भंडारकर कोविड-19 महामारी की याचिका में एमिकस क्यूरी (न्याय मित्र) के रूप में पेश हुए थे।
अगस्त 2020 में बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने महामारी का स्वत: संज्ञान लिया था और राज्य सरकार को कई आवश्यक निर्देश दिए थे।
अधिवक्ता श्रीरंग भंडारकर ने अपनी याचिका में कहा, ‘‘एचएमपीवी के दर्ज मामलों में हाल ही में हुई वृद्धि सतर्कता, तैयारी और सक्रिय सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की आवश्यकता को रेखांकित करती है।’’
इसने उच्च न्यायालय से राज्य के स्वास्थ्य विभाग को एचएमपीवी की निगरानी, जांच और वायरस का पता लगाने में तेजी लाने तथा फैल रहे श्वसन वायरस पर एक कार्य बल गठित करने का निर्देश देने का आग्रह किया।
याचिका में अदालत से सरकार को एचएमपीवी के लक्षणों, संक्रमण और रोकथाम पर ध्यान केंद्रित करते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य जागरुकता अभियान शुरू करने का निर्देश देने की भी मांग की गई।
वर्तमान में कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात में एचएमपीवी के पांच मामलों की पुष्टि हुई है।
भाषा रविकांत मनीषा
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