मुंबई, पांच अक्टूबर (भाषा) मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ जबरन उगाही की शिकायत दर्ज कराने वाले कारोबारी केतन तन्ना ने बंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर मामले को रद्द करने की अपील की है।
तन्ना ने दावा किया कि मुंबई के पूर्व शीर्ष पुलिस अधिकारी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए उसपर दबाव डाला गया था।
कारोबारी ने याचिका में दावा किया कि उसे धमकी दी गई थी अगर उसने सिंह के खिलाफ शिकायत नहीं दर्ज कराई तो उसे फर्जी मुकदमों में फंसा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह अपनी ‘बड़ी गलती’ सुधारकर अंतर आत्मा पर महसूस किए जा रहे बोझ से मुक्त होना चाहते हैं।
तन्ना ने इस सप्ताह की शुरुआत में याचिका दायर की और इसपर आठ अक्टूबर को सुनवाई होने की उम्मीद है।
कारोबारी ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि जिस समय सिंह तत्कालीन महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन की महाराष्ट्र सरकार के साथ विवाद में उलझे थे, उस समय भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के इस वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ साजिश रची जा रही थी।
तन्ना ने दावा किया कि उन्हें तत्कालीन राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख के बंगले के बाहर बुलाया गया और तत्कालीन पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) संजय पांडे ने उनसे कहा कि सिंह के खिलाफ जबरन वसूली की शिकायत दर्ज करानी है।
तन्ना ने जुलाई 2021 में ठाणे पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी और आरोप लगाया गया था कि सिंह के ठाणे का पुलिस आयुक्त रहने के दौरान जनवरी 2018 से फरवरी 2019 के बीच रंगदारी-रोधी प्रकोष्ठ के कार्यालय में बुलाकर और गंभीर आपराधिक मामलों में फंसाने की धमकी देकर उनसे 1.25 करोड़ रुपये की जबरन वसूली की गई।
तन्ना ने अपनी याचिका में कहा कि उन पर ‘‘शिकायत दर्ज कराने का दबाव था और वह सच्चाई सामने नहीं ला सके, लेकिन अब वह अपनी अंतरात्मा की आवाज पर कदम उठाना चाहता हैं’’ और इसलिए वह मामले को रद्द करने का अनुरोध करते हैं।
भाषा
/धीरज सुरेश
सुरेश
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