एआई के आगमन के बावजूद शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण है : आरएसएस प्रमुख |

एआई के आगमन के बावजूद शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण है : आरएसएस प्रमुख

एआई के आगमन के बावजूद शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण है : आरएसएस प्रमुख

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Modified Date: December 26, 2024 / 08:33 PM IST
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Published Date: December 26, 2024 8:33 pm IST

नागपुर, 26 दिसंबर (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने बृहस्पतिवार को कहा कि 21वीं सदी में कृत्रिम मेधा (एआई) के युग में भी शिक्षक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहेंगे।

यहां सोमलवार एजुकेशन सोसाइटी के 70वें स्थापना दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि वर्तमान पीढ़ी प्रौद्योगिकी के कारण बहुत सारे ज्ञान से अवगत है, लेकिन शिक्षक जीवन बदल सकते हैं।

भागवत ने कहा, ‘‘देखने और अवलोकन का मतलब सीखना है। हम पढ़ने और सुनने के माध्यम से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं… आपके पास मौजूद जानकारी का उपयोग कैसे करना है, यह दृष्टि और अवलोकन से सीखा जाता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘शिक्षकों में जीवन बदलने की शक्ति है…प्रौद्योगिकी आती है और जाती है…बुद्धि के कृत्रिम होने के साथ, शिक्षकों और शिक्षा की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है।’’

आरएसएस प्रमुख ने महात्मा गांधी के इस कथन को भी याद किया कि नैतिकता के बिना विज्ञान पाप है।

भागवत ने कहा कि प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण है और इसकी प्रगति से मनुष्यों को तेजी से एवं सटीक काम करने में मदद मिलेगी, लेकिन इसका प्रभावी ढंग से उपयोग किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘जब हम पढ़ाते हैं तो हम सीखते भी हैं। हर छात्र अलग है।’’

संघ प्रमुख ने कहा, ‘‘यदि जानकारी की आवश्यकता है तो गूगल है, लेकिन शिक्षण के लिए शिक्षक आवश्यक हैं।’’

भागवत ने कहा कि कभी-कभी ज्ञान की आड़ में झूठ फैलाया जाता है और इतिहास की आड़ में विकृत तथ्य पेश किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि ज्ञान की पड़ताल करनी पड़ती है और फिर उसे आत्मसात करना पड़ता है।

भाषा नेत्रपाल माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)