Supriya Sule on Modi new cabinet: पुणे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार (राकांपा-एसपी) की नेता सुप्रिया सुले ने सोमवार को कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नयी कैबिनेट में अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा को जगह नहीं मिलने से कोई हैरानी नहीं हुई। बारामती से सांसद सुले ने अपने पिता शरद पवार द्वारा स्थापित राकांपा के 25वें स्थापना दिवस के अवसर पर संवाददाताओं से कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को अपनी कैबिनेट की पहली बैठक में किसानों का पूरा ऋण माफ कर देना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) के कार्यकाल में राकांपा ने (पूर्व प्रधानमंत्री) मनमोहन सिंह की सरकार में एक सहयोगी के तौर पर काम किया था। मनमोहन जी ने पवार साहेब के प्रति भरोसा और प्रेम दिखाया था। उन्हें ढाई कैबिनेट पद मिले, जबकि उस समय पार्टी के केवल आठ या नौ सांसद थे।’’ सुले ने कहा कि कांग्रेस ने संख्या के बारे में नहीं सोचा और सहयोगी के तौर पर पार्टी का सम्मान किया। उन्हेांने कहा, ‘‘महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार में भी सभी ने एक दूसरे का सम्मान किया। हम किसी फॉर्मूले पर अड़े नहीं रहे। हमारा रिश्ता आपसी सम्मान और योग्यता पर आधारित था।’’
सांसद ने कहा कि उन्हें इस बात पर आश्चर्य नहीं है कि राकांपा को कैबिनेट में जगह नहीं मिली। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने करीब से देखा है कि पिछले 10 साल में उन्होंने (भाजपा ने) अपने सहयोगियों के साथ कैसा व्यवहार किया। उनका दृष्टिकोण सबसे साथ समान व्यवहार करने का नहीं है।’’ महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को कहा था कि अजित पवार-नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री का पद चाहती है और उसने भाजपा की ओर से स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री की पेशकश ठुकरा दी।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि राकांपा ‘‘इंतजार करने के लिए तैयार है’’, लेकिन वह कैबिनेट मंत्री का पद चाहती है। राकांपा महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना के साथ सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा है और राकांपा ने लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया तथा पार्टी चार सीटों पर चुनाव लड़कर सिर्फ एक सीट (रायगढ़) जीत सकी। सुले ने राजग की पहली कैबिनेट बैठक के बारे में पूछे जाने पर कहा कि सरकार को किसानों का कर्ज पूरी तरह से माफ कर देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि वे इस देश को एक स्थिर सरकार देंगे। मुझे उम्मीद है कि कर्ज माफी और प्याज एवं दूध जैसी वस्तुओं की कीमतों पर फैसला होगा, क्योंकि किसान भारी दबाव में हैं।’’
Supriya Sule on Modi new cabinet: पवार ने 1999 में कांग्रेस से अलग होकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) का गठन किया था। पिछले साल जुलाई में अजित पवार और कुछ अन्य विधायकों के राज्य में शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल होने के बाद राकांपा में विभाजन हो गया था। निर्वाचन आयोग ने इस वर्ष फरवरी में अजित पवार गुट को असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी घोषित किया था और इस गुट को राकांपा का चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ आवंटित किया था।