मुंबई, सात जुलाई (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने उस 19 वर्षीय एक लड़के को 12वीं कक्षा की सुधार परीक्षा देने की अनुमति दे दी है, जो अवसाद और इंटरनेट गेमिंग की समस्या से पीड़ित होने के कारण पिछले साल हुई परीक्षा में अपनी अपेक्षानुसार अंक हासिल नहीं कर पाया था।
न्यायमूर्ति ए. एस. चंदुरकर और न्यायमूर्ति राजेश पाटिल की खंडपीठ ने चार जुलाई के अपने आदेश में कहा कि न्याय के हित में लड़के को उच्चतर माध्यमिक प्रमाण पत्र (एचएससी) के लिए सुधार परीक्षा में बैठने का अवसर दिया जाना चाहिए।
लड़के ने अपनी याचिका में कहा कि वह हमेशा औसत से ऊपर दर्जे का छात्र रहा है और 11वीं कक्षा तक उसने 85-93 प्रतिशत अंक हासिल किए। हालांकि, मार्च 2023 में जब उसने 12वीं कक्षा की परीक्षा दी थी तब वह अवसाद से ग्रस्त था और इस वजह से 600 में से सिर्फ 316 अंक प्राप्त कर पाया।
याचिकाकर्ता ने दावा किया कि वह जुलाई 2023 से दिसंबर 2023 तक अवसाद का इलाज करा रहा था।
भाषा जोहेब नरेश
नरेश
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सावरकर पर टिप्पणी के लिए 24 घंटे के अंदर माफी…
4 hours ago