CM Eknath Shinde : मुंबई: विधायक अयोग्यता के फैसले पर महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा है कि मैं शाम 4 बजे के बाद आधिकारिक बयान दूंगा। सीएम ने कहा कि मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि हमारे पास बहुमत है। विधानसभा में 67% और लोकसभा में 75% है। हमारे पास 13 सांसद हैं और 50 विधायक। इस बहुमत के आधार पर चुनाव आयोग ने हमें असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी है और धनुष-बाण चुनाव चिन्ह आवंटित किया है। हमें उम्मीद है कि स्पीकर हमें योग्यता के आधार पर पास करेंगे।
#WATCH | Mumbai: On MLA disqualification verdict, Maharashtra CM Eknath Shinde says, "I will give an official statement after 4pm. I just want to say that we have a majority. 67% in Vidhan Sabha and 75% in Lok Sabha. We have 13 MPS and 50 MLAs. Based on this majority, the… pic.twitter.com/NtGHjGjgQW
— ANI (@ANI) January 10, 2024
बता दें कि महाराष्ट्र की राजनीति में आज बड़ा दिन है, क्योंकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत 40 विधायकों को दलबदल विरोधी कानूनों के तहत अयोग्य घोषित करने के मामले में स्पीकर राहुल नार्वेकर अपना फैसला सुना सकते हैं। ऐसे में अब यह सवाल उठ रहे हैं कि अगर स्पीकर ने शिंदे और उनके विधायकों को अयोग्य करार दिया तो महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री की कुर्सी किसे मिल सकती हैं। हालाकि बीजेपी ने साफ कहा है कि सरकार पर कोई संकट नहीं है।
इसके पहले डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को स्पष्ट कहा है कि स्पीकर का चाहे जो भी फैसला हो, हमारी सरकार स्थिर रहेगी। हमारा गठबंधन कानूनी रूप से वैध है, हमें उम्मीद है कि स्पीकर का फैसला भी हमारे पक्ष में ही आएगा। फडणवीस के बयान के बाद यह साफ है कि अगर शिंदे के खिलाफ फैसला आया तो बीजेपी अपने प्लान-बी पर फोकस करेगी।
बता दें कि डेढ़ साल पहले यानी 20 जून 2022 को एकनाथ शिंदे और उनके गुट के 40 विधायकों ने शिवसेना से बगावत कर दी थी और बीजेपी के साथ गठबंधन सरकार बना ली थी। इस दौरान शिंदे सीएम और फडणवीस डिप्टी सीएम बने थे। उद्धव पक्ष ने दल-बदल कानून के तहत पहले स्पीकर को नोटिस दिया, फिर यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था।
तब सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में स्पीकर को फैसला लेने के लिए 31 दिसंबर, 2023 समय सीमा तय की थी, लेकिन उससे कुछ दिन पहले 15 दिसंबर को शीर्ष अदालत ने 10 दिन की मोहलत दे दी थी। ऐसे में फैसले के लिए 10 जनवरी की नई तारीख तय हुई थी। स्पीकर ने शिवसेना के दोनों गुटों (उद्धव और शिंदे) के विधायकों की सुनवाई पूरी कर ली है। इसे रिव्यू के लिए कानूनी जानकारों के पास भेजा गया है। आज अयोग्यता से संबंधित याचिका पर शाम 4 बजे तक स्पीकर का फैसला आ सकता है।
कानूनी जानकारों की माने तो अगर शिंदे अयोग्य घोषित किए गए तो मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उनके गुट के मंत्री और विधायकों को तुरंत इस्तीफा देना होगा। जाहिर है कि सरकार पर भी संकट आ जाएगा, यानी नई सरकार के गठन की कवायद शुरू की जाएगी। हालांकि, बीजेपी गठबंधन के पास जरूरी बहुमत रहेगा, क्योंकि कुछ महीने पहले ही अजित पवार गुट ने एनसीपी से बगावत की थी। अजित ने अपने साथ 40 विधायकों के आने का दावा किया था।
ऐसे में महायुति सरकार भले ही दोबारा आना तय है, लेकिन मुख्यमंत्री नया होगा। यानी शिंदे की कुर्सी किसे दी जाएगी, यह गठबंधन के नेताओं को तय करना होगा। शिंदे के अयोग्य होने की स्थिति में अजित गुट भी हावी हो सकता है। यह भी कहा जा सकता है कि बीजेपी अजित पवार को नया सीएम बनाने के लिए अपनी मंजूरी दे सकती है।