Shivling of 18th century

Shivling of 18th century: जमीन से निकले दो अलग-अलग रंगों के शिवलिंग, अद्भुत नजारा देखने उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

Shivling of 18th century: चंद्रपुर जिले में खुदाई के दौरान दो शिवलिंग मिले हैं। इस शिवलिंग के 18वीं सदी के होने की बात कही जा रही है।

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Modified Date: August 31, 2023 / 11:24 AM IST
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Published Date: August 31, 2023 11:07 am IST

Shivling of 18th century: महाराष्ट्र। चंद्रपुर जिले में खुदाई के दौरान दो शिवलिंग मिले हैं। इस शिवलिंग के 18वीं सदी के होने की बात कही जा रही है। वहीं, दोनों ही शिवलिंग के रंग अलग-अलग हैं। सावन महीने में दो अलग-अलग रंगों के शिवलिंग मिलने के कारण इलाके में खुशी की लहर फैली हुई है। विशेषज्ञों के मुताबिक, खुदाई में मिले शिवलिंग भोसले कालीन हैं।

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18वीं शताब्दी का बताया जा रहा शिवलिंग

दरअसल, मामला चंद्रपुर जिले के चीमूर तहसील में स्थित नेरी गांव का है, जहां  30 अगस्त को नेरी गांव के प्रसिद्ध शिव मंदिर के पास खुदाई का काम चल रहा था। इसी दौरान दो शिवलिंग मिले जिसमें एक काले पत्थर का और दूसरा सफेद पत्थर से बना हुआ है। सावन मास में शिवलिंग मिलने से इसका महत्व बढ़ गया है और लोगों ने शिवलिंग की पूजा पाठ भी शुरू कर दिया है। इतिहास के जानकर अशोक सिंह ठाकुर ने बताया कि खुदाई के दौरान मिले यह दोनों शिवलिंग 18वें सदी के मराठा कालीन शिवलिंग है। इसका निर्माण भोसले के शासनकाल के दौरान हुआ होगा यानी यह 18वीं शताब्दी के शिवलिंग हैं।

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इलाके में पाए जाते हैं सफेद और काले पत्थर

इतिहास के जानकर अशोक ठाकुर कहते हैं कि उस समय के भक्तों ने कुछ मन्नतें मांगी होंगी और उनकी मनोकामना पूरी होने पर उन्होंने इस शिवलिंग का निर्माण कर उसे समर्पित किया होगा। चंद्रपुर जिले के कुछ हिस्सों में सफेद और काले पत्थर पाए जाते हैं। उन्हीं पत्थरों से यह शिवलिंग बनाए गए हैं। श्रावण मास में मिले इन दो शिवलिंगों के कारण लोगों की आस्था और भी बढ़ गई है। अशोक का कहना है कि वैसे तो चंद्रपुर जिला एक ऐतिहासिक जिला के तौर पर जाना जाता है, लेकिन अब पुरातन शिवलिंग मिलने के बाद चंद्रपुर के इतिहास में अब और भी पन्ने जुड़ गए हैं।

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