Sanjay Raut's statement on Kiren Rijiju

किरेन रीजीजू को कानून मंत्रालय से हटाना न्याय प्रणाली की जीत, शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत का बड़ा बयान

Removal of Kiren Rijiju from the Law Ministry is a victory for the justice system, Shiv Sena (UBT) leader Sanjay Raut's big statement

Edited By :   Modified Date:  May 18, 2023 / 03:59 PM IST, Published Date : May 18, 2023/3:17 pm IST

Sanjay Raut’s statement on Kiren Rijiju : मुंबई। शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि केंद्र सरकार ने किरेन रीजीजू से न्यायपालिका की नाराजगी को ध्यान में रखते हुए उन्हें कानून मंत्रालय से हटा दिया है। राज्यसभा सदस्य राउत ने संवाददाताओं से कहा कि यह न्याय प्रणाली की जीत है। केंद्रीय मंत्रिपरिषद में बृहस्पतिवार को अचानक फेरबदल किया गया और किरेन रीजीजू की जगह संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल को कानून मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया। रीजीजू अब पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का प्रभार संभालेंगे।

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Sanjay Raut’s statement on Kiren Rijiju : कानून मंत्री रहते हुए रीजीजू ने उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को नियुक्त करने की कॉलेजियम प्रणाली की अक्सर आलोचना की। कुछ सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को ‘भारत-विरोधी गुट’ का हिस्सा बताये जाने संबंधी रीजीजू की हालिया टिप्पणी पर भी कड़ी प्रतिक्रिया आई थी। राउत ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार में कोई भी स्वतंत्रता के साथ कानून मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालने में सक्षम नहीं है।उन्होंने आरोप लगाया कि रीजीजू ने न्यायपालिका के कामकाज में दखल देने की कोशिश की और प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और अन्य कई न्यायाधीशों को अपमानित भी किया।

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Sanjay Raut’s statement on Kiren Rijiju : शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता ने दावा किया, ‘‘पूरी न्यायपालिका मंत्री के विरुद्ध थी और सरकार को इस पर संज्ञान लेना पड़ा। यह न्याय प्रणाली की जीत है।’’ mराष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के मुख्य प्रवक्ता क्लाइड क्रेस्टो ने दावा किया कि रीजीजू कानून और अपने कर्तव्यों से ऊपर रहने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उन्हें हटाने का फैसला सभी केंद्रीय मंत्रियों के लिए नजीर बनना चाहिए। क्रेस्टो ने कहा कि केंद्र सरकार को कामकाज में पिछड़ने वाले, खासतौर पर महिलाओं एवं बच्चों से जुड़े मुद्दों की बात नहीं करने वाले मंत्रियों के लिए भी इसी तरह के मानदंड तय करने चाहिए।

 

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