शिंदे और जरांगे ओबीसी आरक्षण आंदोलन को दबाने की कोशिश कर रहे : लक्ष्मण हाके |

शिंदे और जरांगे ओबीसी आरक्षण आंदोलन को दबाने की कोशिश कर रहे : लक्ष्मण हाके

शिंदे और जरांगे ओबीसी आरक्षण आंदोलन को दबाने की कोशिश कर रहे : लक्ष्मण हाके

:   Modified Date:  September 21, 2024 / 07:14 PM IST, Published Date : September 21, 2024/7:14 pm IST

जालना, 21 सितंबर (भाषा) महाराष्ट्र के जालना जिले में मनोज जरांगे और लक्ष्मण हाके के अलग-अलग अनशन को लेकर बढ़ते तनाव के बीच मराठा और अन्य पिछड़ी जाति (ओबीसी) समूह के कार्यकर्ता शनिवार को आमने-सामने आ गए।

ओबीसी आरक्षण की ‘रक्षा’ के लिए 19 सितंबर से अनशन कर रहे हाके ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और जारांगे पर “ओबीसी आरक्षण आंदोलन को दबाने की कोशिश” करने का आरोप लगाया।

इससे पहले, दिन में सैकड़ों मराठा कार्यकर्ताओं ने दोपहिया वाहन रैली निकाली, जो वाडिगोदरी गांव में हाके के अनशन स्थल से होकर गुजरी। इस दौरान, मराठा कार्यकर्ताओं ने नारे लगाए, जिसका ओबीसी समुदाय के सदस्यों ने तुरंत विरोध किया।

एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने हाके और जरांगे के समर्थकों को तितर-बितर करके कानून-व्यवस्था के समक्ष उत्पन्न होने वाली संभावित स्थिति को रोका।

हाके और जरांगे जालना जिले में एक-दूसरे से तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित वाडिगोदरी और अंतरवाली सरती गांवों में अनशन कर रहे हैं।

सतारा, बंबई और हैदराबाद गजेटियर के ऐतिहासिक दस्तावेजों के आधार पर मराठों के रक्त संबंधियों ‘सेज सोयारे’ को कुनबी घोषित करने संबंधी मसौदा अधिसूचना के कार्यान्वयन के लिए जरांगे ने 17 सितंबर को फिर से अनशन शुरू किया था।

जरांगे की मुख्य मांग मराठों को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में दाखिले में ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण देना है।

हाके और नवनाथ वाघमरे ने ओबीसी आरक्षण की रक्षा और ‘सेज सोयारे’ अधिसूचना के मसौदे को रद्द करने के लिए जवाबी अनशन शुरू किया था।

हाके ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान मराठा आरक्षण कार्यकर्ताओं पर ओबीसी प्रदर्शनकारियों को डराने-धमकाने की कोशिश करने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे माहौल को तनावपूर्ण बनाने के लिए जिम्मेदार हैं। महाराष्ट्र जरांगे या शिंदे की निजी संपत्ति नहीं है।”

हाके ने कहा, “हम राज्य सरकार और जरांगे को माकूल जवाब देंगे। सरकार जरांगे को बचा रही है। हम भीड़तंत्र को बर्दाश्त नहीं करेंगे।”

भाषा पारुल धीरज

धीरज

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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