(तस्वीर के साथ)
मुंबई, 11 नवंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता पीयूष गोयल ने सोमवार को कहा कि धार्मिक आधार पर वोट मांगना संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ है।
उन्होंने लोगों से 20 नवंबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा नीत महायुति को चुनने की अपील की और कहा कि महायुति विकास व प्रगति के लिए प्रतिबद्ध है।
महायुति की समावेशी नीतियों को बढ़ावा देने और विभाजनकारी रणनीति से बचने पर जोर देते हुए, मुंबई उत्तर के सांसद ने मतदाताओं से धार्मिक सीमाओं से ऊपर उठकर विकास और प्रगति को चुनने की अपील की।
उन्होंने कांग्रेस पर पार्टी शासित राज्यों में चुनाव पूर्व किए गए वादों को पूरा न करने का आरोप लगाया और शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे पर “भय और गलत सूचना फैलाने” वाली पार्टियों से हाथ मिलाने का आरोप लगाया।
गोयल ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा, “धर्म के आधार पर लोगों से किसी खास पार्टी को वोट देने और भाजपा को वोट न देने की अपील करना गलत है। यह रवैया हमारे संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ है।”
उन्होंने कहा कि धार्मिक आधार पर मतदान करना संविधान की मूल भावना के विरुद्ध है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “मतदान करना व्यक्ति का अधिकार है और हमें व्यक्तिगत स्वतंत्रता का सम्मान करना चाहिए।”
गोयल ने कहा कि भाजपा, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के महायुति गठबंधन को 2019 के विधानसभा चुनाव परिणामों की तुलना में काफी बढ़त मिलेगी।
गोयल के अनुसार, महायुति ने समावेशी नीतियों को बढ़ावा देकर और विभाजनकारी रणनीति से बचकर लोगों का विश्वास अर्जित किया है।
उन्होंने कहा, “हमारी प्राथमिकता यह है कि लोगों के विकास और उत्थान पर केंद्रित हमारे कार्यक्रमों से कोई भी वंचित न रहे।”
गोयल ने कांग्रेस और शरद पवार नीत राकांपा (शरदचंद्र पवार) पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में कांग्रेस का रिकॉर्ड किसानों और युवाओं से किए गए “झूठे वादों” का इतिहास दर्शाता है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “लोगों ने दूसरे राज्यों में कांग्रेस द्वारा किए गए वादों को देखा है। उन्होंने किसानों और युवाओं सहित लोगों को निराश किया है। इसके विपरीत, हमारा गठबंधन महाराष्ट्र के लिए आगे का रास्ता स्पष्ट है।”
उद्धव ठाकरे पर तीखा हमला करते हुए गोयल ने कहा, “ठाकरे ने उन पार्टियों से हाथ मिला लिया है जो लोगों में भय और गलत सूचना फैलाते हैं।”
उन्होंने कहा कि महायुति का उद्देश्य जाति, धर्म या किसी अन्य कारक पर आधारित विभाजन रहित समाज का विकास करना है।
भाषा
प्रशांत माधव
माधव
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