मुंबई, दो जनवरी (भाषा) महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने बृहस्पतिवार को कहा कि मसाजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के मामले की सुनवाई बीड जिले से बाहर होनी चाहिए।
पत्रकारों से बात करते हुए दानवे ने कहा कि जब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) मंत्री धनंजय मुंडे के करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड को सरपंच की हत्या से जुड़े जबरन वसूली के मामले में आत्मसमर्पण करने के बाद बीड की एक अदालत में पेश किया गया तो अभियोजक ने खुद को मामले से अलग कर लिया।
शिवसेना (यूबीटी) नेता ने सुनवाई से पहले अभियोजक द्वारा मामले से अलग होने का कारण जानना चाहा।
विपक्ष, देशमुख की हत्या के लिए कराड के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने की मांग कर रहा है।
पनचक्की कंपनी से जबरन वसूली की कोशिश का विरोध करने पर नौ दिसंबर को बीड के मसाजोग गांव के सरपंच देशमुख की कथित अपहरण के बाद निर्मम हत्या कर दी गई थी।
सरपंच की हत्या के 22 दिन बाद कराड ने मंगलवार को जबरन वसूली के मामले में पुणे में अपराध जांच विभाग (सीआईडी) के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।
दानवे ने कहा, ‘‘संतोष देशमुख हत्या मामले की सुनवाई बीड से बाहर होनी चाहिए।’’
शिवसेना नेता ने देशमुख की मौत की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित 10 सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) पर भी संदेह जताया।
उन्होंने दावा किया, ‘‘जांच दल में अधिकतर अधिकारी बीड से हैं। पुलिस के जिन कर्मियों ने कराड के खिलाफ कार्रवाई करने से इनकार कर दिया था, उन्हें जांच दल में शामिल किया जा रहा है, सब कुछ पहले से तय लगता है।’’
दानवे ने यह यह भी मांग की है कि सीआईडी, कराड के ‘कॉल रिकॉर्ड’ सार्वजनिक करे।
महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को देशमुख की हत्या की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया।
राज्य गृह विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि एसआईटी का नेतृत्व सीआईडी के उप महानिरीक्षक बसवराज तेली करेंगे।
हाल ही में आयोजित महाराष्ट्र विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष ने आरोप लगाया कि कराड इस हत्या का मुख्य आरोपी है, हालांकि उन्होंने दावा किया कि राजनीतिक प्रतिशोध के कारण उन पर ये झूठा आरोप लगाया जा रहा है।
भाषा यासिर नरेश
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