मुंबई, पांच जनवरी (भाषा) भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता अंजलि दमानिया ने रविवार को कहा कि बीड जिले में मसाजोग ग्राम पंचायत के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या की जांच ‘‘दिखावा’’ है। उन्होंने कहा कि सच्चाई सामने लाने के लिए जिले के बाहर की पुलिस को जांच का नेतृत्व करना चाहिए।
मसाजोग के सरपंच देशमुख की नौ दिसंबर को हत्या कर दी गई थी, क्योंकि उन्होंने क्षेत्र में एक पवनचक्की परियोजना का संचालन करने वाली एक ऊर्जा कंपनी से जबरन वसूली की कोशिश को रोकने का प्रयास किया था।
राज्य सीआईडी की विशेष जांच टीम (एसआईटी) देशमुख की हत्या के साथ-साथ उनकी मौत से जुड़े जबरन वसूली मामले की भी जांच कर रही है। दमानिया ने आरोप लगाया कि जबरन वसूली मामले के मुख्य आरोपी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता तथा परली विधायक धनंजय मुंडे के करीबी वाल्मीक कराड के दबाव में झुकी बीड पुलिस निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती।
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में आरोप लगाया कि बीड से ताल्लुक रखने वाले महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे और पंकजा मुंडे कॉल और संदेशों के जरिये उनके खिलाफ अशोभनीय शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
दमानिया ने आरोप लगाया, ‘‘मुझ पर वंजारी समुदाय को निशाना बनाकर सामाजिक विद्वेष पैदा करने का आरोप है। मैंने ऐसा कुछ नहीं किया है। मैंने सिर्फ इतना कहा कि (भाजपा के दिवंगत नेता) गोपीनाथ मुंडे के समय से ही बीड में सभी सरकारी नियुक्तियां एक ही समुदाय से होती रही हैं। जिले में पुलिसकर्मी एक विशेष समुदाय से हैं। वे सभी कराड से जुड़े हुए हैं। इसलिए वे जांच नहीं कर सकते।’’
दमानिया ने कहा, ‘‘जांच दिखावा है। बीड पुलिस को जांच का जिम्मा नहीं दिया जाना चाहिए। मैंने इस संबंध में पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला से मुलाकात की है। मैं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (जिनके पास गृह विभाग भी है) से भी आग्रह करती हूं कि मुझे परेशान करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें।’’
देशमुख हत्याकांड में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि एक व्यक्ति फरार है। सरपंच की हत्या से जुड़े जबरन वसूली के मामले में कराड समेत तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है।
भाषा आशीष सुरेश
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