संतोष देशमुख हत्याकांड से जुड़ा मुकदमा मुंबई में चलाया जाए : अंजलि दमानिया |

संतोष देशमुख हत्याकांड से जुड़ा मुकदमा मुंबई में चलाया जाए : अंजलि दमानिया

संतोष देशमुख हत्याकांड से जुड़ा मुकदमा मुंबई में चलाया जाए : अंजलि दमानिया

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Modified Date: January 22, 2025 / 06:09 PM IST
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Published Date: January 22, 2025 6:09 pm IST

मुंबई, 22 जनवरी (भाषा) कार्यकर्ता अंजलि दमानिया ने बुधवार को महाराष्ट्र की पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रश्मि शुक्ला से मिलकर मांग की कि बीड जिले के मसाजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या से जुड़ा मुकदमा मुंबई में चलाया जाए।

दमानिया ने देशमुख हत्याकांड के आरोपियों को अन्य जेलों से शहर की आर्थर रोड जेल में स्थानांतरित करने की भी मांग की। उन्होंने पुलिस और मामले के आरोपी विष्णु चाटे के बीच मिलीभगत होने का आरोप भी लगाया।

चाटे के बारे में दमानिया ने दावा किया कि पुलिस से मिलीभगत के कारण उसे “उसकी पसंद की” लातूर जेल में स्थानांतरित कर दिया गया। पुलिस ने देशमुख की हत्या के मामले में चाटे समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि एक अन्य आरोपी फरार है।

मुंबई में शुक्ला से मुलाकात के दौरान दमानिया ने उन्हें बीड में व्याप्त “दहशत” के माहौल से अवगत कराया।

दमानिया ने संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने शुक्ला को महाराष्ट्र सरकार में मंत्री धनंजय मुंडे और उनकी पत्नी के मलिकाना हक वाली दो कंपनियों के बारे में विवरण भी सौंपा, जिसमें देशमुख हत्याकांड से जुड़े जबरन वसूली मामले का मुख्य आरोपी वाल्मिक कराड भी शेयरधारक है।

देशमुख को बीड में पवनचक्कियां स्थापित करने वाली एक ऊर्जा कंपनी से जबरन वसूली का विरोध करने पर नौ दिसंबर 2024 को अगवा कर लिया गया था और कठोर यातनाएं दी गई थीं, जिससे उनकी मौत हो गई थी। देशमुख की हत्या से जुड़े जबरन वसूली मामले के मुख्य आरोपी कराड को मुंडे का करीबी सहयोगी माना जाता है।

दमानिया ने दावा किया कि लाभ के पद को लेकर धनंजय मुंडे की विधानसभा सदस्यता खत्म हो सकती है।

उन्होंने कहा, “(सरपंच हत्याकांड से जुड़ा) मुकदमा मुंबई में चलाया जाना चाहिए। पुलिस के साथ मिलीभगत के कारण आरोपी विष्णु चाटे को लातूर जेल में स्थानांतरित कर दिया गया। चाटे और मामले के अन्य आरोपियों को पुलिस से मिल रही मदद को रोकने के लिए उन्हें आर्थर रोड जेल स्थानांतरित किया जाना चाहिए।”

दमानिया ने दावा किया कि एक चीनी मिल को 62 करोड़ रुपये का सरकारी ऋण दिया गया, जिसमें धनंजय मुंडे की हिस्सेदारी है। उन्होंने डीजीपी से आग्रह किया कि वह भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) से मामले की जांच कराएं।

भाषा पारुल अविनाश

अविनाश

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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