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मुंबई, 24 जनवरी (भाषा) मुंबई पुलिस ने शुक्रवार को यहां एक अदालत को बताया कि उसे पिछले सप्ताह अभिनेता सैफ अली खान पर चाकू से हमला करने के आरोप में गिरफ्तार बांग्लादेशी व्यक्ति के चेहरे की पहचान की पुष्टि करनी है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या यह वही व्यक्ति है जो बांद्रा में अभिनेता की इमारत के सीसीटीवी फुटेज में दिखा था।
पुलिस ने आरोपी शरीफुल इस्लाम शहजाद मोहम्मद रोहिल्ला अमीन फाकिर (30) को पिछली हिरासत अवधि समाप्त होने पर बांद्रा में एक मजिस्ट्रेट अदालत में पेश किया, जिसने उसकी पुलिस हिरासत 29 जनवरी तक के लिए बढ़ा दी।
फाकिर को 19 जनवरी को अभिनेता के घर में चोरी के इरादे से घुसने और उन पर कई बार चाकू से हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस ने फाकिर की और अधिक हिरासत की मांग करते हुए कहा कि जांच में पर्याप्त प्रगति हुई है, लेकिन मामले के महत्वपूर्ण पहलुओं पर आरोपी से विस्तृत पूछताछ की जानी है।
पुलिस की ओर से पेश सरकारी अभियोजकों के एस पाटिल और प्रसाद जोशी ने कहा कि आरोपी के चेहरे की पहचान की पुष्टि की आवश्यकता है ताकि यह पता लगाया जा सके कि वह वही व्यक्ति है जो अभिनेता की इमारत के सीसीटीवी फुटेज में दिखा था।
आरोपी के पिता ने दावा किया था कि सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा व्यक्ति उनका बेटा नहीं है। पिता ने आरोप लगाया था कि उनके बेटे को कुछ समानताओं के आधार पर गिरफ्तार करके मामले में फंसाया गया है।
न्यायिक मजिस्ट्रेट के सी राजपूत ने फाकिर की हिरासत 29 जनवरी तक बढ़ा दी और कहा कि अपराध की प्रकृति और जांच में हुई प्रगति को देखते हुए आरोपी की हिरासत आवश्यक है।
पुलिस ने अदालत को यह भी बताया कि उसे आरोपी के पैरों के निशानों का मिलान खान के आवास पर पाए गए पैरों के निशान से करना है। पुलिस ने यह भी बताया कि उस समय आरोपी ने जो जूते पहने हुए थे, वे अभी तक बरामद नहीं हुए हैं।
पुलिस ने कहा कि अपराध में इस्तेमाल किए गए चाकू का एक गायब हिस्सा भी अभी तक नहीं मिला है और आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहा है।
अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि उसके पास से बांग्लादेश में जारी एक ड्राइविंग लाइसेंस बरामद किया गया है, जो पुष्टि करता है कि वह पड़ोसी देश का मूल निवासी है।
अभियोजन पक्ष ने कहा कि यह पता लगाने के लिए गहन जांच की आवश्यकता है कि क्या इस अपराध को करने का उसका कोई अन्य मकसद था। अभियोजन पक्ष ने कहा कि आरोपी जाहिर तौर पर बांग्लादेश में अपने रिश्तेदारों को भारत से पैसे भेज रहा था, इसलिए इस बात की प्रबल संभावना है कि उसने अन्य अपराध भी किये हों।
इसके अलावा पुलिस को उन लोगों का पता लगाने की जरूरत है जिन्होंने उसे आधार कार्ड और पैन कार्ड जैसे फर्जी दस्तावेज हासिल करने में मदद की।
आरोपी के वकील दिनेश प्रजापति और संदीप शेरखाने ने पुलिस हिरासत बढ़ाने की याचिका का विरोध करते हुए घटना की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए।
उन्होंने दावा किया कि हमलावर के घर में प्रवेश करने के बाद सैफ अली के पास पर्याप्त समय था, लेकिन उन्होंने पुलिस को मदद के लिए फोन नहीं किया। यह हमला 16 जनवरी को तड़के किया गया था।
भाषा
संतोष माधव
माधव
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)