ठाणे, चार जुलाई (भाषा) नवी मुंबई के भूस्खलन संभावित क्षेत्र बेलापुर पहाड़ी पर 30 धार्मिक न्यासों और मंदिरों द्वारा 2.30 लाख वर्ग फुट से अधिक भूमि पर अतिक्रमण किया गया है। सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत दायर एक याचिका के जवाब में सिडको ने यह जानकारी दी।
आरटीआई याचिका दायर करने वाले ‘नैटकनेक्ट फाउंडेशन’ के संस्थापक बी.एन. कुमार ने कहा कि इस अतिक्रमण से न केवल पर्यावरण संबंधी समस्याएं पैदा होती हैं, बल्कि धार्मिक समारोहों के दौरान इन परिसरों में भारी भीड़ के कारण भगदड़ जैसी अप्रिय घटनाएं भी हो सकती हैं।
उन्होंने बताया कि इनमें से सबसे बड़ा मंदिर 43,000 वर्ग फुट क्षेत्र में फैला हुआ है, जबकि कई संरचनाएं 2,000 वर्ग फुट क्षेत्र में फैली हुई हैं। उन्होंने कहा कि वहां पेड़ों की बेतहाशा कटाई के कारण मिट्टी जगह छोड़ रही है।
कुमार ने कहा, “2015 से विभिन्न नागरिक संस्थाओं द्वारा शिकायत किए जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई।”
इन समूहों ने अप्रैल में ‘बेलापुर पहाड़ी बचाओ’ रैली आयोजित की थी, जिसके बाद महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग ने सरकारी अधिकारियों को नोटिस जारी किया था। इस मामले में सुनवाई 17 जुलाई को होगी।
आरटीआई के जवाब में नगर एवं औद्योगिक विकास निगम (सिडको) ने कहा कि 30 निर्माण को ध्वस्त करने के नोटिस दिए गए थे, हालांकि 10 से 12 जून के बीच इन ढांचों को गिराने का अभियान पुलिस सुरक्षा के अभाव में नहीं चलाया जा सका।
कार्यकर्ता अदिति लाहिड़ी और हिमांशु काटकर ने कहा कि अधिकारियों को इन अवैध निर्माणों के बारे में पता है, लेकिन कोई भी इस मुद्दे को हल करने का प्रयास नहीं कर रहा है।
भाषा प्रशांत माधव
माधव
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