रत्नागिरी (महाराष्ट्र), छह मई (भाषा) शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कहा कि तटीय रत्नागिरी जिले के बारसू में प्रस्तावित तेल रिफाइनरी को गुजरात ले स्थानांतरित कर देना चाहिए और पड़ोसी राज्य से अच्छी निवेश परियोजनाएं महाराष्ट्र लाई जानी चाहिए।
बारसू में ग्रामीणों से बातचीत में ठाकरे ने सरकार को प्रदर्शनकारियों का सामना करने और परियोजना का समर्थन करने की चुनौती दी। हालांकि, भाजपा नेताओं ने परियोजना का समर्थन करते हुए क्षेत्र में रैली भी निकाली है।
ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने रिफाइनरी परियोजना के लिए बारसू का नाम सुझाया था। ठाकरे ने कहा, हालांकि उन्होंने यह कभी नहीं कहा था कि ‘भले ही प्रदर्शनकारियों’ का सर फोड़ना पड़े या उन्हें परेशान करना पड़े, रिफाइनरी परियोजना स्थापित होनी चाहिए।
ठाकरे ने कहा, ‘‘बल्क ड्रग्स पार्क, वेदांता-फॉक्सकॉन और टाटा-एयरबस परियोजनाएं (गुजरात) जा चुकी हैं। मेरा विचार है कि इस परियोजना (रिफाइनरी) को गुजरात ले जाएं और हमारी अच्छी परियोजनाएं महाराष्ट्र लाएं। जिसमें कोई विवाद नहीं है वह (परियोजना) गुजरात को और जो (परियोजना) विवादित है उसे कोंकण और महाराष्ट्र भेजा जा रहा है। ’’
वहीं, भाजपा विधायक नितेश राणे और उनके भाई पूर्व सांसद निलेश राणे ने रिफाइनरी परियोजना के समर्थन में रैली निकाली।
निलेश राणे ने कहा कि मुख्यमंत्री रहते हुए ठाकरे ने परियोजना का समर्थन किया था, लेकिन अब वह उसका विरोध कर रहे हैं क्योंकि वह विपक्ष में हैं।
ठाकरे ने कहा कि वह ऐसी कोई विकास परियोजना लागू नहीं होने देंगे जिससे लोगों के हितों को नुकसान पहुंच रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनमें प्रदर्शनकारियों का सामना करने की ईमानदारी है। उन्होंने कहा कि सरकार को किसी भी परियोजना को लागू करने से पहले स्थानीय लोगों से बातचीत करनी चाहिए।
गौरतलब है कि स्थानीय लोगों का एक वर्ग इस आधार पर बारसू रिफाइनरी का विरोध कर रहा है कि यह तटीय कोंकण क्षेत्र की संवेदनशील जैव विविधता पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा और उनकी आजीविका को भी प्रभावित करेगा।
ठाकरे ने कहा कि जब वह मुख्यमंत्री थे तो समृद्धि राजमार्ग के निर्माण के दौरान इसी तरह के विरोध प्रदर्शन हुए थे।
उन्होंने कहा, “लेकिन हमने प्रदर्शनकारियों से बात की। हमने विकास को बाधित किए बिना रास्ता निकाला।”
ठाकरे ने इससे पहले बारसू-सोलगांव क्षेत्र में एक रैली आयोजित करने की योजना बनाई थी, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं मिली थी।
भाषा अर्पणा पवनेश
पवनेश
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