पुणे के निवासियों को बांध से पानी छोड़े जाने के बारे में सतर्क किया जाना चाहिए था: केंद्रीय मंत्री |

पुणे के निवासियों को बांध से पानी छोड़े जाने के बारे में सतर्क किया जाना चाहिए था: केंद्रीय मंत्री

पुणे के निवासियों को बांध से पानी छोड़े जाने के बारे में सतर्क किया जाना चाहिए था: केंद्रीय मंत्री

:   Modified Date:  July 26, 2024 / 05:44 PM IST, Published Date : July 26, 2024/5:44 pm IST

पुणे, 26 जुलाई (भाषा) केंद्रीय मंत्री मुरलीधर मोहोल ने शुक्रवार को कहा कि सिंहगढ़ रोड के निचले इलाकों में रह रहे लोगों को खडकवासला बांध से पानी छोड़े जाने की सूचना पूर्व में ही दी जानी चाहिए थी। पुणे में लगातार हो रही भीषण बारिश के कारण यह इलाका बाढ़ जैसी स्थिति का सामना कर रहा है।

बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए बृहस्पतिवार को दिल्ली से यहां पहुंचे मुरलीधर ने सिंहगढ़ रोड इलाके में बाढ़ प्रभावित एकता नगर के निवासियों से बातचीत की। वह पुणे से लोकसभा सांसद भी हैं।

जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार बारिश के बीच सिंचाई विभाग ने खडकवासला बांध से मुथा नदी में 35,000 क्यूसेक पानी छोड़ा था जिससे नदी के पास स्थित एकता नगर में बाढ़ आ गई।

पुणे शहर और वेल्हा, मुलशी, भोर तालुका सहित जिले के अन्य हिस्सों और खडकवासला सहित कई बांधों के जलग्रहण क्षेत्रों में बुधवार रात से लगातार बारिश हो रही है।

इसके कारण घरों में पानी घुस गया। लोगों का कहना है कि बाढ़ से लाखों रुपये की संपत्ति बर्बाद हो गयी। लोगों ने दावा किया कि उन्हें बांध से पानी छोड़े जाने के बारे में जानकारी नहीं दी गई।

पुणे के मेयर रह चुके मोहोल ने कहा, ‘खडकवासला बांध से लगभग 40,000 से 50,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। अगर इतनी बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा जाना था तो नागरिकों और प्रशासन को इसके बारे में सतर्क किया जाना चाहिए था। यह संबंधित विभाग की गलती है।’

उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को लोगों को हुए नुकसान का आकलन करने का निर्देश दिया गया है और प्रभावितों को 5,000 रुपये की तत्काल सहायता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि आकलन के बाद नुकसान का सही पता चल सकेगा।

भाषा

शुभम पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)